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घनसाली:- घनसाली बाजार में गुरुवार को अंकिता भंडारी हत्याकांड की तीसरी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। लोगों ने दीप प्रज्वलित कर व पुष्प अर्पित कर अंकिता को याद किया। इस अवसर पर वक्त...




(वरिष्ठ पत्रकार श्री ओंकार बहुगुणा जी की फेसबुक वॉल से)
उत्तरकाशी के वरिष्ठ भाजपा नेता सूरत राम 1984 के अटल जी के दौरे के बारे में रुंधे गले से बताते है कि जब अटल जी भटवाड़ी लोकनिर्माण विभाग के गेस्ट हॉउस में रात्रि विश्राम करके अगले दिन हर्षिल के लिए प्रस्थान किया तो हर्षिल की सुंदरता से बेहद खुश हो गए सूरत राम जी को कहा कि आपने हमें भटवाड़ी निरर्थक रुकवाया अरे स्वीटजरलेंड तो महज आर्टिफिशियल सुंदरता से रोचक बना है ये तो वो सुरम्य पावन धरा है जिसमे प्राकृतिक सुंदरता जिसमे माँ गंगा भागीरथी की कल कल निनाद करती अमृतमय पावन धारा के स्वर समावेशित है मुझे यही रुकना चाहिए था इसके बाद अटल जी डॉक्टर नागेंद्र जी के मकान के पास लगे सेब के पेड़ के नीचे आम जन की तरह लेट गए किंचित भी लेस मात्र ये महसूस नही हुवा कि वो एक कद्दावर नेता है इस प्रकार से सेब के पेड़ के नीचे लेट गए जैसा एक पहाड़ी किसान खेतो में काम कर थक हार कर किसी पेड़ की छांव का आश्रय लेता है ऐसे थे अटल जी । पुष्ट ओर प्रमाणिक जानकारी नही है लेकिन ये भी जानकारी प्राप्त होती है कि अटल जी 52 कविताओं के संग्रह में से किसी कविता के अंश भी इसी प्रवास के दौरान अटल जी ने लिखे थे ।
अतीत को याद करते हुए लंबी सांस लेते हुए 71 वर्षीय सूरत राम बताते है कि ,एक ओर रोचक प्रशंग उन्हें अटल जी का उनकी याद करते हुए झकझोर देता है कि इसी दौरान वो जब गंगोत्री की यात्रा पर थे तो उस समय गंगोत्री के सचिव बाल बृह्मचारी कमलेस्वर सेमवाल जी थे जब सेमवल जी ने अटल जी से गंगा की पूजा अर्चना करवा ली तो अटल जी ने सनातन परंपरा का निर्वाहन करते हुए अपने निजी सचिव शिव कुमार को कहा कि पण्डा जी को dakchinaa दे दीजिए लेकिन कमलेस्वर सेमवाल जी ने कहा कि अटल जी आप भी धोती कुर्ता वाले हो और में भी धोती कुर्ता वाला हु दक्षिणा का में क्या करुंगॉ , लेकिन में आपको एक रावल होने के नाते कुछ देना चाहता हु अटल जी ने कहा सेमवाल जी आप मुझे क्या दोगे आप ही ने तो कहा कि जैसे आपके आगे पीछे कोई नही उस प्रकार मेरा भी कोई नही तो प्रतिउत्तर में सेमवाल जी ने कहा मा गंगा का आसीर्वाद आपको एक दिन इस देश का प्रधानमंत्री बनाएगा। सूरत राम जी उस समय की बात को बताते है कि अटल जी मुस्कराते हुए बोले पंडित जी आप कैसा आसीर्वाद दे रहे हो में ग्वालियर से हार गया हूं और देश में संसद में हमारे महज 2 ही MP है ऐसे में ये एक दिवा स्वप्न है लेकिन आपका कोटिशः धान्यवाद ,बाद में अटल जी के प्रधानमंत्री बनने पर अटल जी ने "मेरे प्रभु मुझें इतनी ऊंचाई मत देना की में गैरो को गले न लगा सकू"कविता को चरितार्थ करते हुए गरीब विद्वान पंडित कमलेस्वर सेमवाल जी को निमंत्रण भिजवाया था । कुल मिलाकर ऐसे थे अटल जी और उनका व्यक्तित्व ।
ओंकार बहुगुण "बेबाक"
घनसाली:- घनसाली बाजार में गुरुवार को अंकिता भंडारी हत्याकांड की तीसरी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। लोगों ने दीप प्रज्वलित कर व पुष्प अर्पित कर अंकिता को याद किया। इस अवसर पर वक्त...