ताजा खबरें (Latest News)

घनसाली:- घनसाली बाजार में गुरुवार को अंकिता भंडारी हत्याकांड की तीसरी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। लोगों ने दीप प्रज्वलित कर व पुष्प अर्पित कर अंकिता को याद किया। इस अवसर पर वक्त...




जीत के जश्न पर कबीलों की गुटबाजी भारी..
साभार:- वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र रावत की वाल से
12 जिला पंचायत में से 11 में बुरी तरह हारने के बाद देहरादून में मिली जीत के बाद दिन रात लुंगी डांस करती कांग्रेस कल फिर ना सिर्फ दो फाड़ हो गईं बल्कि साफ साफ नजर भी आई.
उत्तराखंड की जनता सोच रही थी कि लगातार तीन लोकसभा और दो विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हारने के बाद कांग्रेसी सबक लेंगे और 2027 के लिए उसके कार्यकर्ताओं को भरोसा जगेगा कि अब कांग्रेस के कबीलाई झगडे ख़तम हो गये हैँ.
लेकिन गुटबाजी में बंटे हुये कांग्रेसी अभी भी सुधरने का नाम नहीं ले रहे. देहरादून मे होते हुये भी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण महारा जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के शपथ समारोह मे नहीं गये बताया जा रहा है कि उनको व्हाट्सएप पर निमंत्रण भेजा गया था क्योंकि भेजने वाले के फोन पर आउटगोइंग बंद थी. करण महारा से पहले प्रदेश अध्यक्ष रहे गणेश गोदयाल को तो व्हाट्सएप पर भी निमंत्रण नहीं भेजा गया यही हाल हरक सिंह रावत से लेकर तमाम बचे खुचे कांग्रेसियों के बारे में बताया जा रहा है ऐसा लग रहा है मानो इन नेताओं के आने से प्रीतम सिंह के प्यारे बेटे और भाइयो का मूड खराब हो होने का भारी डर था. इस कार्यक्रम में हरीश रावत को पानी और सोडा पी पीकर लगातार गरियाने वाले रंजीत रावत भी नहीं आए उसकी चर्चा तो बहुत दूर तक है.
शपथ समारोह कार्यक्रम के तीन लोगों पर फोकस रहा.प्रीतम सिंह की अगुवाई में यशपाल आर्य और हरीश रावत को मोर्चे पर आगे खड़ा किया गया. दोनों ने जमकर प्रीतम के पक्ष में बैटिंग करी. बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष बदलने की खबरों के बीच हरीश रावत ने गणेश गोदियाल के दाएं कंधे से हाथ खींचकर प्रीतम सिंह के बाएँ कंधे पर हाथ रख दिया है.ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि प्रीतम सिंह इस बात के लिए राजी है कि देहरादून की धर्मपुर विधानसभा सीट से हरीश रावत के बेटे आनंद रावत, हरिद्वार ग्रामीण से अनुपमा रावत को,खानपुर विधानसभा सीट से वीरेंद्र रावत को,नैनीताल विधानसभा सीट से संजीव आर्य को टिकट मिलने पर प्रीतम सिंह को इसलिए आपत्ति नहीं है क्योंकि लगातार दो बार से विकास नगर हार रही कांग्रेस के पास अब प्रीतम सिंह के बेटे अभिषेक के रूप में नवप्रभात का विकल्प मिल गया है. इन राजनीतिक समीकरणों की चर्चा मे संपन्न हुये सपथ समारोह के बाद इस बात की चिंता अभी बरकरार है कि जिस जनपद देहरादून में कांग्रेस जीत का जश्न मना रही है वहां देहरादून नगर निगम चुनाव में उसे कुछ महीने पहले एक लाख से अधिक वोटो की करारी मिली उसे ऋषिकेश से लेकर डोईवाला मसूरी से लेकर हर्टबपुर पर तक हार का सामना करना पड़ा. निकाय की इस हार के दौरान हरीश रावत यशपाल आर्य प्रीतम सिंह की एकजुटता किसी से छुपी नहीं है. 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी देहरादून की 10 में से सिर्फ एक विधानसभा सीट चकराता जीत पाई.
2024 के चुनाव से हरीश रावत प्रीतम सिंह और यशपाल आर्य तीनों ऐन वक़्त पर भाग खड़े हुए थे कि हम तो नहीं लड सकते . कांग्रेस के पास ऋषिकेश में लगातार चार बार की हार के बाद जिताऊ चेहरा नहीं मिल पा रहा,डोईवाला और रायपुर में तो टॉर्च से ढूंढने से भी कायदे के प्रत्याशी मिल रहे ना कार्यकर्ता मिल रहे ,धर्मपुर के दिनेश अग्रवाल आप भाजपाई हो गए हैं,रायपुर से जिनका उपादान को कांग्रेस ने विधायक बनाया था वह भी भाजपाई हो गए हैं और बम्पर वोट से जीत रहे हैं ,कैंट मे कपूर फॅमिली कि जडे गहरी है , मसूरी मे गणेश जोशी की और सहसपुर मे सहदेव पूंडूर हैट्रिक धारी हैँ यहां कांग्रेसी कुछ हार की हैट्रिक लगा चुके हैं और कुछ लगाने की तैयारी मे हैं.
जिस पार्टी के पास आज प्रदेश में 70 सीटों पर चुनाव लड़ाने का मंथन होने की बजाय यह फिक्सिंग चल रही है कि किसके बेटे बेटियों और बहू को 2027 में लड़वाना है गुटबाजी को चौराहे पर लाया जा रहा हो उनके लिए 2027 बहुत दूर की कौड़ी है
कल के इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस का वह हर कार्यकर्ता हताश और निराश हो गया जो अभी भी उम्मीद कर रहा कि 2027 में उत्तराखंड की जनता बदलाव कर सकती है.ऐसी कांग्रेस को मित्र विपक्ष नहीं कहते तो क्या कहते हैँ.कांग्रेस के इस झगडे मे उत्तराखंड मे लोकतंत्र मे मजबूत विपक्ष का विकल्प अभी भी खुला नजर आ रहा है...
घनसाली:- घनसाली बाजार में गुरुवार को अंकिता भंडारी हत्याकांड की तीसरी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। लोगों ने दीप प्रज्वलित कर व पुष्प अर्पित कर अंकिता को याद किया। इस अवसर पर वक्त...