दबी हुयी मिट्टी मे दबे हुये अहसासों को घोल रहा हूँ , उत्तराखंड की टनल मे फसा मै अभागा मजदूर बोल रहा हूँ ।
21-11-2023 11:37 AM
साभार :- सोशल मीडिया
दबी हुयी मिट्टी मे दबे हुये अहसासों को घोल रहा हूँ
उत्तराखंड की टनल मे फसा
मै अभागा मजदूर बोल रहा हूँ
।
वर्ल्डकप के खेल खिलाडी हारे
तो है उनके लिये करोड़ो कंधे
41 मजदूर जमीन मे दफन से है
गरीबी देख हो गये है सब अंधे
अँधरे मे फंसा गरीबी का कीड़ा सा हो रहा हूँ
उत्तराखंड टनल मे फंसा मजदूर बोल रहा हूँ
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बचपन मे खायी मिट्टी , चलना सीखा तो मिट्टी घर मिला तो मिट्टी
आज जिंदा दफन लग रहा हूँ , तो मिट्टी
ये मिट्टी अब मेरे बदन को निचोड़ रही है
गन्ने के कोलू मे जैसे निम्बू धकेल रही है
10दिन से चने खा कर पेट सुख गया है
मजदूर भारत का खच्चर घोड़ा हो गया है
चारो तरफ फैले मल की बदबू का घूट पी रहा हूँ
उत्तराखंड की टनल मे फसा मै अभागा मजदूर बोल रहा हूँ
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मै तो अनपढ़ हूँ ,नादान हूँ , ना समझ हूँ लाचार हूँ
यही तिसरकार का घूंट पीये जी रहा था
पर तुम्हारी पढ़ाई आज कहाँ मर गयी है
हमारी सांसो की कीमत कीड़े मकोड़े सी घट गयी है
हमे या तो बचा लो , नही तो भगवान उठा लो
दरकती मिट्टी मे मंदिर मज्जित गुरुद्वारा चर्ज बना रहा हूँ
दबी हुयी मिट्टी मे दबे हुये अहसासों को घोल रहा हूँ
उत्तराखंड की टनल मे फसा मै अभागा मजदूर बोल रहा हूं