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घनसाली- भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में मंगशीर बग्वाल को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।मुख्य दीपावली के ठीक एक माह बाद 30 नवंबर को टिहरी जिले के थाती कठूड़ के लोग मंगशीर की दीपवाली (बग्वाल) मनाएंगे। दीपाव...
वरिष्ठ पत्रकार, एडवोकेट लोकेन्द्र दत्त जोशी की कलम से:-
आजादी के बाद दुनिया के मानचित्र पर गांधीवादी आन्दोलन देने वाला देश का अगर कोई राज्य है तो वह राज्य उत्तराखंण्ड है, जिसका नेतृत्व समय-समय पर घनसाली की माटी के सपूतों ने किया है। किंतु राज्य बनने के बाद यदि आपको किसी जीते जागते शहर को आज अगर मुर्दा देखना है तो घनसाली के किसी भी कोने में खड़े होकर जिंदा लाशें, थके हुए जन प्रतिनिधि और भ्रष्ट और लचर प्रशासनिक व्यवस्था घनसाली आकर देख सकते है। जहां 14 जनवरी से अस्थाई रूप से उपजिलाधिकारी न होने से न्यायिक कार्य से लेकर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र तक नहीं बन पा रहे हैं। एक मात्र महिला उपजिला मजिस्ट्रेट सोनिया पंत कीर्तिनगर तहसील से घनसाली तहसील का प्रभार संभालते हुए प्रशासनिक कार्यों का संपादन कर रही हैं।
स्वास्थ्य व्यवस्थाएं अपने आप में इतनी लचर और बीमार है कि सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं मरीजों को इलाज नहीं दिया जाता है क्योंकि उत्तर प्रदेश के जमाने से बने भिलंगना नदी के तट पर घनी आबादी के बीच बसे राजकीय एलोपैथिक अस्पताल सेमली घनसाली में कोई चिकित्सक नियुक्त ना होना जांच का बड़ा विषय है, जबकि उक्त एलोपैथिक चिकित्सालय आवासीय भवन होने के बावजूद भी उक्त चिकित्सालय को राज्य बनने के 23 वर्षों बाद भी अपग्रेड नहीं हो सका और उक्त चिकित्सालय में महिला एवं पुरुष चिकित्सक के पद रिक्त है। जिससे प्रसव वेदना से पीड़ित माताओं का प्रसव कालीन वर्ष में उनका जीवन भय और शंकाओं के संकट से गुजरता है। हजारों की आबादी वाला नगर पंचायत घनसाली में एक मात्र संसाधन विहीन पिलखी चिकित्सालय पर ही मरीज निर्भर है। और प्रसव वेदना से निजात पाने के लिए भी जोखिम भरा स्वास्थ्य केंद्र है पिलखी और बेलेश्वर है, किंतु मजाल है कि कोरी घोषणा के अलावा कोई भी जनप्रतिनिधि संकटकालीन समय से जीवन बचाने के लिए पिलखी, बेलेश्वर अस्पताल के साथ साथ घानसाली विधानसभा के किसी भी अस्पताल को सुसज्जित मशीनों के साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्तियां क्षेत्र के अस्पतालों में कर सके हों।
विकासखण्ड भिलंगना की बात करें तो इस विकास खंड में बड़ी बादशाही इतनी है कि यह विकासखंण्ड छात्र नेताओं से राज नेताओं तक भरा पड़ा है। जिनका विकासखण्ड मुख्यालय से मिलने वाली एवं क्षेत्र के विकास के नाम पर अन्य मदों से आने वाली धनराशि खर्च करने तक अपना दायरा सीमित रखा हुआ है, और किसी भी गंभीर मुद्दे पर सवाल जवाब मांगने की बजाय अधिकारियओं चाटुकारिता कर अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने के लिए ग्राम वासियों का जमीर गिरवी रखा हुआ है।
भिलंगना विकास खंड में 182 ग्राम प्रधान, 39 क्षेत्र पंचायत, 10 जिला पंचायत सदस्य के अलावा ब्लॉक प्रमुख है और लोकसभा की प्रबल दावेदारी करने वाली लोकप्रिया नेता जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति सोना सजवाण भी नगर पंचायत की मूल निवासी है। ब्लॉक प्रमुख श्रीमति बसुमति घणाता के अलावा डबल इंजन सरकार के दो बार के निर्वाचित विधायक शक्ति लाल शाह का भी गृह क्षेत्र है और विपक्ष के दमदार पूर्व विधायक भीमलाल आर्या सहित कई जनप्रतिनिधि हैं लेकिन पक्ष एवं विपक्ष के नेताओं का दृष्टिकोण एक जैसा सामाज के शोषक के रूप में दिखता है। किंतु अधिकांश जनप्रतिनिधि भ्रष्ट व्यवस्था के चलते अविवेकशील हैं जिसका आलम यह है कि विकासखंण्ड मुख्यालय के अलावा तमाम कार्यालयों में किसी भी तरह की कोई सकारात्मक व्यवस्था समाज हित देखने को नहीं मिलती है।
भिलंगना प्रदेश का सबसे बड़े विकासखण्ड का मुख्यालय है, जिसका अपना सुलभ शौचालय तक नहीं है और सार्वजनिक रूप से पीने के पानी तक की कोई उचित व्यवस्था नहीं है, पुस्तकालय के अलावा खेल के मैदान आजादी के इतने वर्षों तक भी नहीं बन पाया है, जबकि विकास कार्यों के नाम लाखों के धनराशि की बंदरबांट होती रहती है जिसमें पक्ष विपक्ष किसी कार्य योजना को अंजाम देने के बजाय खड़ीजा मार्गों के लिए ही अधिकारियों के समक्ष 5 वर्षों मिमियाते रहते हैं। पूरी विधानसभा के अन्दर सत्ता की हनक में यदि पूरा सत्ता पक्ष है तो सम्पूर्ण विपक्ष भीष्म सैय्या में दिन काट रहा है। पुलिस थाना है किंतु संसाधनों के अभावों और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। दैवीय आपदा गाला यह भिलंगना क्षेत्र एक मात्र थाने की दो तहसीलों में पुलिस थाने के पास गिना चुना एक मात्र वाहन है जिसके माध्यम से आपदा की संकट कालीन घड़ी से निपटने में पुलिस प्रशासन का जवान असहाय रहता है।
घनसाली शहर जो कि पूर्व सांसद त्रेपन सिंह नेगी आजादी के बाद के पहले निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष, सत्ये सिंह राणा, पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा, श्रीदेव सुमन के साथी रामस्वरूप रतूड़ी, लक्ष्मण सिंह कठैत, नरहरिदत्त पैन्यूली, गुणानंद पथिक, जीवानंद श्रीयाल, गोबरू शाह, भरपूरू नगवाण, धर्मानंद नौटियाल, राधाकृष्ण सेमवाल, प्रताप सिंह राणा के अलावा उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन सहित झारखंण्ड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य के गठन करवाने में अपना नेतृत्व से ताकत देने वाले पहाड़ के गांधी श्री इंद्रमणी बडोनी की धरती है, जिनके नेतृत्व में सत्य अहिंसा और चरित्रवान समाज बसता था. किंतु सत्ता के लोभ और लालच में सभी जिम्मेदार प्रतिनिधि अपने पूर्वजों के संघर्ष को भूल चुके है और पित्रों की संघर्ष वेदना वाली आत्माएं मिलकर आपस में रोती होगी।
अब अगर नगर पंचायत घनसाली के स्ट्रीट लाइट के विद्युतीकरण के संबंध में कहें तो पूर्व में माननीय जिला जज श्री योगेश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में दिनांक 5 नवंबर 2023 को वृहद साक्षरता शिविर के आयोजन से पूर्व नगर पंचायत के अन्तर्गत सड़कें और स्ट्रीट लाइट से नगर पंचायत पर चार चांद पूरन मासी की रात की तरह चमकते रहे किंतु शिविर के समापन के पश्चात नगर पंचायत के सड़क मार्ग अमावस्य की रात में तबदील हो गए। एक माह में ही खरीदी हुई स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी आखिर एक माह के भीतर ही सारी लाइटें खराब कैसे हो जाती है? यह सोचनीय एवं जांच का विषय है और नगर पंचायत के आम नागरिक को यह जानने का अधिकार है कि विद्युतीकरण पर कुल कितना खर्च किया गया ?
नगर पंचायत के निर्वाचित बोर्ड भंग होते ही प्रगतिशील विचारों के शैलेन्द्र नेगी पी.सी.एस. को नगर प्रशासक नियुक्त किया गया और सकारात्मक कार्य शुरू भी हुए। उनके द्वारा मृत पड़ी बिजली की लाइन ठीक करवाई गई। पुस्तकालय की स्थापना तो की गई लेकिन उसका दरवाजा कमजोर मानसिकता के कारण वर्तमान में बंद पड़ा हुआ है। इसके साथ ही
उपजिलाधिकारी नेगी के द्वारा सड़क मार्ग की मरम्मत सहित तहसील और नगर पंचायत क्षेत्र में कई सुधारात्मक कार्य किए गए। यद्यपि भेदभाव पूर्ण नीति से उनके द्वारा भी बाल पेंटिंग करवाई गई किंतु बार एसोसिएशन के बार-बार अनुरोध करने पर बार भवन पहाड़ के गांधी इंद्रमणि बडोनी का चित्र नहीं उकेरा गया है । फिर भी नगर पंचायत के अलावा पूरी तहसील के अन्तर्गत उनका प्रशासन का स्वच्छ छवि वाला चेहरा आम जनता के बीच विनम्र और आदरणीय रहा, यही भाव उपजिलाधिकारी शैलेन्द्र नेगी के प्रति प्रताप नगर तहसील के आम जन मानस में भी ख्याती लब्ध है। किंतु उनका स्थानांतरण एक माह के अन्दर होने से तहसील प्रशासन की लचर कानून व्यवस्था फिर से उजागर हुई और जनता के प्रति तहसील प्रशासन का मनमाना व्यवहार और जनता को प्रतिदिन दुःखी और उत्पीड़न किया जाना पूर्व की भांति आम बात है जो कि आर्थिक रूप से भी तंग है।
पंजीकृत विक्रय पत्रों, रजिस्ट्री, विवाह प्रमाणपत्रों के पंजिकरण, बेरोजगार युवाओं के हैसियत प्रमाण पत्र, भार मुक्त प्रमाण पत्र सहित कई अन्य पंजीकृत दस्तावेजों को महीनों महीनों तक जारी न किया जाना गैर कानूनी है और इसके लिए हफ्तों-महीनो तक तहसील दफ्तर के चक्कर काटने के लिए काश्तकार को भारी उत्पीड़न सहन करना पड़ रहा है। और जिम्मेदार अधिकारी के मनमाने रवैए के कारण महीने में कई दिनों तक सब रजिस्ट्रार कार्यालय मनमाने तरीके के कारण बंद रहता है और काश्तकार कार्य संपादन करवाए बिना बैरंग लौटना पड़ता है। जिसके संबंध में बार संघ घनसाली के अधिवक्ताओं के द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों से वार्ता करने पर भी अपमान का सामना करना पड़ता है। जबकि ऑनलाइन पंजीकरण किया गया दस्तावेज काश्तकार को एक दिन में ही दिया जाना आवश्यक रूप से नियमावली में शामिल किया गया है। इसके साथ ही दस्तावेजों के पंजिकरण हेतु मानकों के विपरीत अनावश्यक रूप से दस्तावेजों की मांग की जाती है और मानकों के विपरीत अनावश्यक रूप से दस्तावेज मांग कर काश्तकार को गलत लालच हेतु परेशान किया जाता है ।
यह बात स्पष्ट करने योग्य है कि घनसाली नगर पंचायत के अन्तर्गत अधिकांश भाग जंगल से घिरा हुआ है, और भिलंगना नदी के दोनों ओर की आबादी के बाद भिलंगना नदी पूरे नगर पंचायत क्षेत्र की सीमा में बहती है और चारों तरफ चीड़ का जंगल होने के कारण बाघ व अन्य हिसंक जानवर पानी पीने के लिए आबादी क्षेत्र से नदी तटों पर जाते हैं और नगर क्षेत्र के अन्तर्गत पुलिस थाना, राज्य का सबसे बड़ा विकासखण्ड मुख्यालय की आवासीय कालोनी, उसके अलावा तहसील घनसाली का मुख्यालय है, जहां बाजार से आने जाने के लिए जंगल के बीच मोटर एवं पैदल मार्ग है। ऐसे में विद्युत स्ट्रीट लाइट का बंद रहना पुलिस गस्ती दल के साथ-साथ आम जन मानस का आवागमन करना जोख़िम भरा है। साथ ही स्कूल कॉलेज के बच्चे देर सबेर आवागमन करते हैं और शादी-विवाह में सम्मिलित होकर देर से रात्री से आना जोखिम भरा बना रहता है इसलिए भी बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट का ठीक किया जाना आवश्यक है।
अब देखना यह होगा कि क्या इन तमाम समस्याओं को लगातार उजागर किये जाने के बावजूद भी घनसाली बाजार के अन्तर्गत नगर पंचायत क्षेत्र में दो-दो विधानसभा (प्रतापनगर एवं घनसाली) के केंद्र स्थल सहित तहसील कार्यालय, पुलिस थाना क्षेत्र 182 ग्राम पंचायतों का विकासखण्ड मुख्यालय के अलावा यात्रा क्षेत्र के मुख्य व्यापारिक केंद्र है और इनमें सरकारी तंत्र के द्वारा पैदा की गई तमाम समस्याओं का निदान होता है अथवा जनता को जन संघर्ष का रास्ता अखतियार करने को मजबूर होना पड़ेगा? और उस स्थिति में भी पक्ष और विपक्ष की राजनीति की भूमिका में रहने वाले नेतागण के साथ सम्मानित पत्रकार वर्ग, शिक्षक संघ के अलावा बार एसोशिएसन एवं व्यापार मंडल अन्याय एवं शोषण दोहन के खिलाफ लामबंद होंगे। जो कि आने वाला भविष्य तय करेगा।
लेखक वरिष्ठ एडवोकेट, स्वतंत्र पत्रकार एवं उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी व इंद्रमणी बडोनी कला एवं साहित्यिक मंच घनसाली के अध्यक्ष हैं।
घनसाली- भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में मंगशीर बग्वाल को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।मुख्य दीपावली के ठीक एक माह बाद 30 नवंबर को टिहरी जिले के थाती कठूड़ के लोग मंगशीर की दीपवाली (बग्वाल) मनाएंगे। दीपाव...