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लोकेन्द्र जोशी (एडवोकेट) की कलम से:-
01 अगस्त हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्व विद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेशर डॉ. पी.एस.राणा विश्व विद्यालय में अपनी 40 वर्षों से अधिक की कुशल सेवाएं देने के पश्चात सेवा निवृत हो गए। प्रोफेशर राणा को पर्वतीय विकास शोध केंद्र के द्वारा एक अगस्त यानी आज श्रीनगर गढ़वाल मे इस वर्ष के "उत्तराखंड समाज गौरव" सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
प्रो. राणा जनपद टिहरी गढ़वाल अंतर्गत, भिलंगना प्रखण्ड के ग्राम-चानी, पट्टी- बासर के मूल निवासी हैं। डॉ.प्यार सिंह राणा,ने हेमाववंती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्व विद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग के सीनियर प्रोफेशर के साथ,छात्र कल्याण अधिष्ठाता, कुल सचिव, चीफ प्रोक्टर, जैसे अनेकों पदों पर कार्य किया। तथा एक कुशल शिक्षक के रूप में वरिष्ठ प्रोफेशर के पद से 31 जुलाई को सेवा निवृत हो गए हैं।
सेवानिवृति पर प्रो.राणा के मित्रों शुभ चिंतकों के साथ उनके नाते रिश्तेदारों के द्वारा उनको शुभकामना संदेशों का मिलने का शिल शिला जारी है।
प्रोफेशर राणा एक लोक प्रिय शिक्षक के साथ, ब्यवहारिक जीवन में भी बहुत शांत एवं मिलन सार, रहते हुए विलक्षण प्रतिभा के धनी रहे और विश्व विद्यालय स्टाफ् में भी बहुत लोक प्रिय रहे। और पसंदीद चेहरों में से एक रहे।
आपको बताते चले साधारण परिवार और ग्रामीण परिवेश में पले पढ़े राणा की प्राथमिक से शिक्षा हाई स्कूल तक, अपने गाँव आज के राजकीय इंटर मिडिए कालेज बिनकखाल टिहरी गढ़वाल से हुई।उसके पश्चात व सभी उच्च शिक्षा तक की शिक्षा पुरानी टिहरी से हुई ।
अपने रूपवान चेहरा, खुश मिजाजी,और मस्त मौला होने के कारण, राणा छात्र राजनीति में भी छात्रों और समाज के बीच में कुशल एवं लोक प्रिय छात्र नेता के रूप में उभरे। किंतु, कमजोर आर्थिकी के कारण राजनीति छोड़ ,राणा ने टिहरी बाँध में कुछ वर्षो नौकरी की। तथा उच्च शिक्षा जारी रखते हुए, तत्कालीन समय के लोक प्रिय शिक्षक प्रोफेशर के.एस.नेगी के मार्ग दर्शन में शोध कार्य कर, डॉक्ट्रेट की उपाधि हासिल की।और वहीं से गढ़वाल विश्व विद्यालय पौड़ी परिसर में प्रवक्ता पद पर नियुक्त हुए।
प्रो.राणा विश्व विद्यालय में कुल सचिव व अन्य विभिन्न प्रसाशनिक पदों पर अपनी चार दशकों की कुशल सेवाओं के पश्चात 31 जुलाई को वे सीनियर प्रोफेशर के पद से सेवानिवृत हुए।
आपको बताते चलें कि प्रोफेशर राणा की पत्नी डॉ मंजुला राणा भी गढ़वाल विश्व विद्यालय के हिंदी विभाग में सीनियर प्रोफेशर हैं। जो कि कि अच्छी लेखिका, कवित्रि एवं विभिन्न सम समायकी लेखकों के प्रकाशित पुस्तकों, पत्र पत्रिकाओं की अच्छी समीक्षक एवं टिप्पणीकार भी हैं। ,फ्रोफेशर् मंजुल राणा की कई पुस्तकें एवं शोध पत्र प्रकाशित भी हैं, उनकी कहानी उजास पर फिल्म भी बन रही है।वे विभिन्न पुरस्कारों से भी सम्मानित हैं।इन्ही सभी उपलब्धि के कारण विश्व विद्यालयों और अन्य सामाजिक शैक्षिण क्षेत्रों में प्रोफेशर मंजुला राणा हिंदी साहित्य जगत में बहुत ख्याति लब्ध चेहरा है,जो कि,प्रतिष्ठित प्रोफेशर के रूप जानी एवं पहचानी जाती।
प्रो.पी.एस.राणा की विदाई संबंधित छात्र संघ के अलावा अनेकों कार्यक्रम अभी जारी रहेंगे। जिनको आप तक पहुंचाने का प्रयास हमारा जारी रहेगा।
प्रोफेशर पी .एस. राणा की विश्व विद्यालय की चार दशकों की कुशल सेवाओं से, सेवानिवृत्त होने पर, विश्व विद्यालय के प्रोफेशर जे .पी.पचौरी, प्रो.मोहन सिंह पंवार, प्रो. हरिभजन सिंह चौहान, प्रो.विद्या सिंह चौहान, प्रो. सुधांशु जयसवाल, प्रो. आर. आर. डंगवाल, प्रो.हिमांशु बड़ाई, प्रो.एस.एस.रावत, डॉ. जे.पी.भट्ट, प्रो, भानु प्रसाद नैथानी, प्रो.महावीर सिंह नेगी, प्रो. प्रभाकर बडोनी, प्रो.के.एस. रमोला, प्रो. वीणा जोशी,के अलावा डॉ अरविंद दरमोड़ा, सामाजिक कार्यकर्ता अनिल स्वामी, समीर रतूड़ी,पवन बिष्ट, नरेन्द्र झिल्डियाल,रचेन्द्र भंडारी, प्रेम बलभ नैथानि, जय प्रकाश कृत्वाल, गिरीश पैन्यूलि, दिनेश असवाल, सहित उनके गृह क्षेत्र से भी विभिन्न सामाजिक राजनैतिक, बार एसोसिएशन, एवं ब्यापार मण्डल सहित अन्य कई राजनैतिक सामाजिक संस्थाओं से जुड़े ब्यक्तियों ने प्रोफेशर राणा को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की।
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