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घनसाली- भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में मंगशीर बग्वाल को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।मुख्य दीपावली के ठीक एक माह बाद 30 नवंबर को टिहरी जिले के थाती कठूड़ के लोग मंगशीर की दीपवाली (बग्वाल) मनाएंगे। दीपाव...
हे! जल स्वामी वरुण देव जी
क्यों तुम हमसे रुठ गये
बीज कृषि के बो न सके हम
वृक्ष सभी जब सूख गए।१।
तेरे सौतेलेपन के कारण
हुई नहीं कहीं रोपाई
बादल तुमने छुपा दिये हैं
वर्षा की तब बूंद न आई
अनेक संदेशे भेजे हमने
देवता तुमसे मिलने गये।२।।
हे !जल स्वामी वरुण देव जी
क्यों तुम हमसे रुठ गये
बीज कृषि के बो न सके हम
वृक्ष सभी जब सूख गये
बिषम भाव हो गया तुम्हारा
कहीं अति वर्षा और कहीं अति सूखा
पक्षपात से त्रस्त सभी जन
तरलता है रुप तुम्हारा , व्यवहार क्यों है अब रूखा
कही अनुष्ठान किये हैं हमने
देवालयों में सभी गये।३।।
हे!जल*******सूख गये
कहीं बाढ़ से बह रहे हैं मानव
कहीं गर्मी से तड़प रहे
कहीं पड़ रहें हैं अति पणगोले
कहीं बिजली से स्वर्ग सिधार रहे
जो भी फसल थी बोरी हमने
जल सरोवर में सब डूब गये।४।।
हे!जल**************सूख गये
आजकल जैसा आपका औफिस होता !
क्षति विवरण हम वहां देते
अन्तरताना दूरभाष स्वयं सम्पर्क ही कर देते
स्थानीय देवता भी भेजे हमने
निराश होकर सब लौट गये।५।।
वरुण कलश में निवास तुम्हारा
उसको तो हम पूज रहे
गणेश वन्दना त्रिदेव अर्चना
इन्द्रदेव भी सब बजते रहे
यज्ञ हवन भी कर दिये हैं हमने
लाखों आहुतियां डाल गये।६।।
हे!जल ***********"""सूख गये
लेखक :- बिष्णु प्रसाद सेमवाल भृगु ""भावाञ्जलि""
घनसाली- भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में मंगशीर बग्वाल को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।मुख्य दीपावली के ठीक एक माह बाद 30 नवंबर को टिहरी जिले के थाती कठूड़ के लोग मंगशीर की दीपवाली (बग्वाल) मनाएंगे। दीपाव...