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New Tehri: टिहरी बांध से मैदानी क्षेत्रों को बड़ी राहत, रोक रहा कही शहरों की आफत।

28-07-2023 02:57 PM

नई टिहरी:- 

    टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने कहा कि टिहरी बांध परियोजना आपदा के समय मैदानी क्षेत्रों में आपदा रोककर सुरक्षा का काम करता है, मैदानी  मैदानी क्षेत्रों में मैदानी क्षेत्रों के लोगों को टिहरी डैम से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि टिहरी डैम से देवप्रयाग ऋषिकेश हरिद्वार तक कोई खतरा नहीं है क्योंकि टिहरी डैम के ऊपरी इलाके से अगर कभी भी कोई भी भारी मात्रा में फ्लड  पानी आता है तो उसे टिहरी डैम पूरी तरह से रोक देता है जिससे मैदानी क्षेत्रों में आपदा आने से रोक देता है, और आजकल टिहरी झील का लेवल 811 आर एल मीटर है, टिहरी बांध की झील से चारों टरबाइन  चलाई जा रही है जिससे 2400 मेगा वाट बिजली का उत्पादन प्रतिदिन हो रहा है और इस बिजली को नॉर्दन ग्रिड को दे रहे हैं और टिहरी झील का जलस्तर भरने की अनुमति 830 आर एल मीटर उत्तराखंड सरकार द्वारा दी गई,इस बार टिहरी झील का लेवल 830 आर एल मीटर तक भरेंगे, और टिहरी डैम पूरी तरह से सुरक्षित है।

    टीएचडीसी के टिहरी काम्पैक्स के अधिशासी निदेशक (ईडी) एलपी जोशी ने कहा कि टिहरी डैम आपदा, भूकंप, डिजायन और फ्लड क्षमता के अनुरूप पूरी तरह से सुरक्षित है। इसे लेकर किसी भी शंका के लिए कोई गुजाईश नहीं है। टिहरी बांध की सुरक्षा और सेफ्टी को लेकर काल्पनिक शंकाओं पर आम लोग किसी भी तरह का ध्यान न दें। टिहरी बांध सुरक्षा और सेफ्टी के अंतराष्ट्रीय मानकों से आच्छादित है।

    टिहरी बांध की सुरक्षा और सेफ्टी को लेकर काल्पनिक संरचनायें दर्शाने पर ईडी जोशी ने अपने कार्यालय में संबोधित करते हुए कहा कि यह मात्र एक कोरी कल्पना है। टिहरी डैम की सुरक्षा और सेफ्टी को लेकर दूर-दूर तक कहीं कोई सवाल नहीं है। बताया कि टिहरी डैम निर्माण से पहले ही डैम की सुरक्षा और सेफ्टी के लिए मास्को की अंतराष्ट्रीय संस्था एचपीआई और आईआईटी रूड़की ज्वाईंट टीम से रिसर्च करवाकर कर अंतराष्ट्रीय मानकों को अपनाया गया है। टिहरी बांध राकफिल बांध है। जिसमें पूरी एडजस्टेबल क्षमता है। टिहरी बांध की की क्षमता 8 रियक्टर के भूकंप को झेलने की है। जबकि अभी तक दुनिया में मात्र 7 रियक्टर का ही भूकंप आया है। यदि गजली जैसा 7 रियक्टर का भूकंप तीन बार लगातार आया तो भी बांध उस क्षमता के भूकंप को सहन कर सकता है। भूकंप अध्ययन के क्षेत्र में आईटीआई के तत्कालीन प्रो जय कृष्णा ने भी टिहरी बांध की सुरक्षा को लेकर गहन रिसर्च के बाद बताया था कि बांध पूरी तरह से सुरक्षित है। गैर सरकारी एक्सपर्टों ने अपनी रिसर्च में टिहरी बांध को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है। टिहरी बांध का रिजर्व वायर इतना विशाल है कि वह 7500 क्यूमैक्स पानी की क्षमता को वर्ष 1999 में आये फ्लड में झेल चुका है । जबकि इस बांध की क्षमता 15 हजार क्यूमैक्स वाटर को झेलने की है। बांध की सुरक्षा और सेफ्टी के 350 से अधिक अत्याधुनिक उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। जो हर स्तर की रिपोर्ट उपलब्ध करवाते हैं। जिनकी अभी तक की रिपोर्ट पूरी तरह से फिट है। इसलिए किसी भी तरह की काल्पनिक शंका को टिहरी बांध की सुरक्षा और सेफ्टी से जोड़ना ठीक नहीं। टीएचडीसी का दावा है कि टिहरी बांध पूरी तरह से सुरक्षित और फिट है, जो आपदा व बाढ़ में मैदानी क्षेत्रों को सुरक्षा प्रदान करता है।


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