राजराजेश्वरी मंदिर, चूलागढ़: शारदीय नवरात्रों का समापन, राजराजेश्वरी मंदिर में देखने को मिली भक्तों भीड़।
24-10-2023 05:11 PM
टिहरी:-
रिपोर्ट: पंकज भट्ट - देश भर में पिछले दस दिनों से आयोजित शारदीय नवरात्र में माता के मंदिरों में खूब भीड़ देखने को मिली, वहीं टिहरी जनपद के चूलागढ़ स्थित मां राजराजेश्वरी मंदिर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शारदीय नवरात्रों के अवसर पर श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर माता का आशीर्वाद लिया, वहीं सिद्ध पीठ राजराजेश्वरी मंदिर में पौराणिक शिल्प पर आधारित मंदिर के नव निर्माण को लेकर लोगों में उत्सुकता देखने को मिली, वहीं आज विजय दशमी के अवसर पर शारदीय नवरात्रों का समापन भी हो गया है।
वहीं मंदिर को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए क्षेत्रीय जनता व मंदिर ट्रस्ट ने क्षेत्रीय विधायक शक्ति लाल शाह व मंदिर परिसर में विभिन्न विकास कार्यों के 51 लाख रुपए से अधिक धन स्वीकृति के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण का भी धन्यवाद किया है।
बताया जाता है कि पौराणिक शक्तिपीठ राजेश्वरी मंदिर चुलागढ़ 10 महाविद्या में एक त्रिपुरा सुंदरी का स्वरूप है, मां दुर्गा द्वारा देवासुर संग्राम के दौरान आकाशमार्ग से विचरण करते हुए अज्ञात धातु से बना एक शक्ति शस्त्र तलवार जैसा हथियार चुलागढ़ की पहाड़ी पर गिरा था, भारतीय पुरातत्व विभाग के अनुसार या शस्त्र लाखों वर्ष पुराना है जो की मंदिर के गर्भ ग्रह में विद्यमान है, स्कंदपुराण के केदार खंड में इसका उल्लेखित है,माँ राज राजेश्वरी चुलागढ़ के मणिद्वीप आश्रम में स्थित है,कनक वंश के राजा सत्यसिंध छत्रपति ने 14 वी सदी में राज राजेश्वरी मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था मंदिर में रावल पुजारी द्वारा पूजा की जाती है जो मान्दरा गांव के नौटियाल वंश के हैं, मंदिर में सेवा का काम केपार्स गडारा गांव के चौहान परिवारों द्वारा किया जाता है नवरात्रि में पूजन एवं जात के दौरान छतियारा के गड़वे माता के दास द्वारा ढोल दमाऊ बजाया जाता है। यहां मंदिर चुलागढ़ पर्वत पर लगभग 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। टिहरी से पंकज भट्ट की रिपोर्ट।