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Tehri: राज्यमंत्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल ने पारंपरिक शिल्प और भेड़पालकों से किया संवाद, हस्तशिल्प के क्षेत्र में विकासरत होंगे यह गांव

09-06-2025 08:26 PM

राज्यमंत्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल ने पारंपरिक शिल्प और भेड़पालकों से किया संवाद, हस्तशिल्प के क्षेत्र में विकासरत होंगे भिलंगना बालगंगा क्षेत्र के यह गांव 


टिहरी गढ़वाल– उत्तराखंड के हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के उपाध्यक्ष एवं राज्य राज्यमंत्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल पिछले दिनों से घनसाली विधानसभा क्षेत्र के सीमांत गांव के भ्रमण पर रहे। 

 पिनस्वाड़, मेड, मारवाड़ी, गेंवाली, जखाणा, गंगी आदि तमाम सीमांत गांव का भ्रमण किया, जहां पर स्थानीय कास्तकारों को स्वरोजगार से जोड़ने को लेकर बैठकें की और भेड़ पालकों व पारंपरिक शिल्पकारों से विस्तृत संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने रिंगाल से निर्मित स्वेति, गीडा, मुश्का, डलोना जैसे पारंपरिक उत्पादों को नए डिज़ाइन व आधुनिक मॉडल के ज़रिए बाज़ार में लाने की महत्वाकांक्षी योजना का ऐलान किया।

पलायन आयोग की उपस्थिति और भूमिक

राम प्रकाश पैन्यूली ने कहा कि इस संवाद कार्यक्रम से ग्रामीण कारीगरों की समस्या व सुझाव सीधे सुने गए। पलायन एवं पलायन निवारण को लेकर आयोग कई पूर्व बैठकों में सुझाव दे चुका है और इस संवाद के माध्यम से स्थानीय समस्याओं की बेहतर समझ सुनिश्चित होगी।

औद्योगिक एवं प्रशासनिक समन्वय

जिलाधिकारी स्तर पर H.C. हटवाल द्वारा बताया गया कि जिला स्तर पर कारीगरों के उत्पादों को “आत्मनिर्भर उत्तराखंड” और “वोकल फॉर लोकल” अभियानों के तहत स्वरोजगार योजनाओं व डिजिटल विपणन के माध्यम से बढ़ावा दिया जा सकेगा 

पारंपरिक शिल्प का आधुनिकीकरण 


श्री सेमवाल ने रिंगाल व अन्य प्राकृतिक सामग्रियों से तैयार पारंपरिक उत्पादों को आधुनिक साज—सज्जा एवं उपयोग के अनुरूप विकसित कर बाज़ार में उतारने का आश्वासन दिया, जिससे मांग और रोजगार दोनों में वृद्धि होगी। 


रोज़गार व स्थानीय अर्थव्यवस्था: इससे न सिर्फ पारंपरिक कला को बचाया जाएगा, बल्कि स्थानीय स्वरोजगार भी सशक्त होगा।

डिज़ाइन एवं प्रशिक्षण पहल: शिल्पकारों को डिज़ाइन, मार्केटिंग और निर्यात की ट्रेनिंग दी जाएगी, संभवतः “दून-हाट” व ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर भी प्रोत्साहन मिलेगा। जखाणा में आयोजित यह संवाद कार्यक्रम लोकधार्मिक शिल्प को संरक्षित व व्यवसायिक रूप देने की दिशा में एक ज़ोरदार प्रयास है। राज्यमंत्री के साथ पलायन आयोग, जिला उद्योग केंद्र व प्रशासनिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने इसे ठोस सरकारी पहल के रूप में पुष्ट किया। इस पहल से पारंपरिक कौशल, स्थानीय अर्थव्यवस्था और ग्रामीण रोजगार ईकॉ-सेंट्रिक दृष्टिकोण से राहत पा सकते है

 कार्यक्रम में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के सदस्य राम प्रकाश पैन्यूली , भाजपा मंडल अध्यक्ष कुलदीप रावत, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, टिहरी एच सी हटवाल, पटवारी पंकज चंद, स्थानीय जनप्रतिनिधि व समाजसेवियों सहित तमाम ग्रामीण मौजूद रहे। 


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