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नई टिहरी:- अब नहीं होगी ऊर्जा की कमी, पंप स्टोरेज प्लांट यूनिट को ग्रिड से जोड़ने पर टीएचडीसी के अधिकारी और कर्मचारियों में खुशी की लहर। ऊर्जा के क्षेत्र में टिहरी बांध परियोजना के नाम एक और उपलब्ध...
भारतीय जी20 प्रेसीडेंसी के तहत तीसरी G20 इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप (IWG) की बैठक 26 जून 2023 को नरेंद्रनगर (ऋषिकेश), उत्तराखंड में शुरू हुई। तीन दिवसीय IWG बैठक में जी20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के लगभग 63 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। चर्चा का एजेंडा 2023 इन्फ्रास्ट्रक्चर एजेंडा पर चर्चा को आगे बढ़ाना और मार्च 2023 में विशाखापत्तनम में दूसरी IWG बैठक के दौरान हुई चर्चाओं का पालन करना है।
बैठक के पहले दिन, दो सत्र आयोजित किए गए, जिसमें प्रतिनिधियों ने विषय "कल के शहरों का वित्तपोषण: समावेशी, लचीला और टिकाऊ" के तहत दो कार्यधाराओं पर चर्चा की। प्रतिनिधियों ने गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए भारतीय प्रेसीडेंसी को धन्यवाद दिया और कार्य क्षेत्रों में सार्थक प्रगति हासिल करने के लिए प्रेसीडेंसी के प्रयासों को स्वीकार किया।
बैठक को भारतीय प्रेसीडेंसी और एशिया इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक , एआईआईबी द्वारा आयोजित "रहने योग्य शहर बनाने पर उच्च स्तरीय सेमिनार" द्वारा भी पूरक बनाया गया था। तीन सत्रों में हुई चर्चाओं ने जी20 के निर्णय निर्माताओं को प्रौद्योगिकी, इन्फ्राटेक और डिजिटलीकरण की भूमिका की खोज के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से लेकर बुनियादी ढांचे के लचीलेपन, तेज शहरीकरण और समावेशन जैसी प्रमुख चुनौतियों को सीखने की अनुमति दी। प्रतिनिधियों ने दुनिया के सबसे महत्वाकांक्षी नए शहर के विकास में से एक: इंडोनेशिया में "नुसंतरा" को लॉन्च करने पर एक अनूठा परिप्रेक्ष्य भी सुना।
साइड इवेंट का प्रतिनिधित्व हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट, सी40 सिटीज़ और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के एक प्रतिष्ठित पैनलिस्ट ने किया। उत्तरी बांग्लादेश के ढाका के मेयर ने भी नगर पालिकाओं और शहरों को टिकाऊ और समावेशी बनाने में समर्थन देने के तरीकों पर अपने विचार साझा किए।
प्रतिनिधियों को "रात्रि भोज पर संवाद" (रात के खाने पर बातचीत) की भी मेजबानी की गई और उन्होंने उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का आनंद लिया और स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया।
प्रसीडेंसी ने प्रतिनिधियों के अनुभव के लिए 27 जून 2023 को "योग रिट्रीट" की भी योजना बनाई है।
सीएम धामी ने किया स्वागत।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नरेंद्र नगर टिहरी में आयोजित जी 20 इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक के अवसर पर आयोजित विदेशी मेहमानों के लिए आयोजित रात्रि भोज के अवसर पर विदेशी मेहमानों का स्वागत किया |
विदेशी मेहमानों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसी भी देश के विकास का पैमाना उस देश का आधारभूत ढांचा ही तय करता है, यही तय करता है कि उस देश का वर्तमान और भविष्य कैसा हो। आधारभूत ढांचे का पर्याय सिर्फ रेल, रोपवे, रोड आदि बनाना नहीं वरन आधारभूत ढांचे का असल मकसद आम आदमी की समस्याओं को कम करना और उसके रहन सहन को सुगम, सरल एवं सुरक्षित बनाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय भौगोलिक परिस्थिति वाले राज्य का आधारभूत ढांचा मैदानी इलाकों की अपेक्षा अधिक कठिन होता है, क्योंकि पहाड़ी राज्य की इकोलॉजी और इकोनामी दोनों ही प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर रहती है और आधारभूत ढांचे में कभी कभी ऐसी परिस्थितियां भी उत्पन्न हो जाती हैं, जिसमें वनों को, प्रकृति को और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। हमें विकास और प्रकृति के संरक्षण को एक दूसरे का पूरक बनाकर आधारभूत ढांचे के निर्माण पर ध्यान देना होगा। यह तभी संभव है जब हम “उपभोग नहीं बल्कि उपयोग“ के सिद्धांत का अनुसरण करेंगे।
सोमवार को नरेन्द्रनगर ऋषिकेश में जी-20 सम्मेलन की तीसरी बैठक के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या एवं संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी पर्वत श्रृंखला हिमालय की गोद में बसा हमारा प्रदेश उत्तराखंड, ’’देवभूमि’’ के रूप में विख्यात है। जहां यह एक ओर हरिद्वार-ऋषिकेश, गंगोत्री-यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ, जागेश्वर, पूर्णागिरि जैसे पौराणिक, आध्यात्मिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक केन्द्रों की पवित्र भूमि है, वहीं गंगा, यमुना, अलकनंदा सहित कई महान नदियों का उद्गम स्थल भी है। हमारा राज्य योग, आयुर्वेद, ध्यान का एक वैश्विक केंद्र होने के साथ-साथ प्राचीन भारतीय सभ्यता का प्रतीक भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के जी-20 की थीम एक पृथ्वी एक परिवार और एक भविष्य है, जो मूल रूप से भारतीय संस्कृति द्वारा विश्व को दिए गए सिद्धांत “वसुधैव कुटुंबकम“ पर आधारित है, जिसका अर्थ है “समस्त विश्व एक परिवार है“. मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20 की यह विशेष इन्फ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक, हमारी सनातन संस्कृति की इसी मूल अवधारणा को पुष्पित व पल्लवित करने में सहायक सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड को प्राकृतिक आपदाओं से वर्षभर सामना करना पड़ता है इसलिए यहां का आधारभूत ढांचा इस तरह बनना चाहिए जो आपदाओं के समय भी आम आदमी के काम आ सके। आप सभी को ज्ञात है कि जिस प्रकार जापान में भूकंप आना एक आम बात थी, परन्तु जापानी लोगों ने भूकंपरोधी भवन बनाने की ऐसी तकनीक का विकास किया जो आपदा के समय में भी जापान के लोगों को व उनके मकानों को सुरक्षित रखती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। हमने 150 मिलियन से अधिक लोगों को आश्रय प्रदान करने के लिए लगभग 40 मिलियन घर दिए हैं, जो ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या का लगभग 6 गुना है।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह बैठक जहां एक ओर विश्व के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए क्या-क्या किया जा सकता है, उस पर विचार करेगी, वहीं दूसरी ओर पहाड़ी राज्यों की विशिष्ट स्थितियों का आंकलन कर एक विस्तृत रूपरेखा तय करने में भी समर्थ होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने हमारे छोटे से राज्य को जी-20 की तीन बैठकों का आयोजन करने का अवसर प्रदान किया। इस महत्त्वपूर्ण दायित्व को निभाते हुए हम स्वयं को गौरवांवित अनुभव कर रहे है क्योंकि यह सभी उत्तराखंडवासियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। हमारी परम्परा में निहित “अतिथि देवों भवः“ का संदेश हमें अतिथियों की सेवा करने के लिए सदैव तत्पर रखता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20 इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप द्वारा नरेन्द्रनगर ऋषिकेश में किए गए मंथन से जो अमृत निकलेगा वो पॉलिसी और इंप्लीमेंटेशन के बीच के गैप को कम करने में भी सहायक सिद्ध होगा। हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में आज जिस प्रकार भारत प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उसी प्रकार उनकी अध्यक्षता में जी-20 समूह भी अपने महान उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में आयोजित जी-20 सम्मेलन की इस बैठक में जो अनुभव तथा विचार सांझा किए जा रहे हैं, वे समस्त वैश्विक मानवता के कल्याण, विकास और समृद्धि के मार्ग को प्रशस्त करेंगे तथा “वसुधैव कुटुंबकम“ की भावना को और अधिक मजबूत करेंगे तथा आप सभी को यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित होने का भी अवसर प्रदान करने में सहायक होगा।
मुख्यमंत्री ने जी-20 की इस तीसरी बैठक में आये सम्मानित प्रतिनिधियों का सवा करोड़ उत्तराखंडी जनता की ओर से स्वागत और अभिनंदन करते हुए कहा कि आप सभी यहां से यादगार अनुभव अपने साथ लेकर जाएंगे। साथ ही बैठक के दौरान आप सभी को प्रकृति की गोद में बसे उत्तराखण्ड के सुरम्य स्थलों के दर्शन तथा उत्तराखण्डी व्यंजनो का भरपूर आनंद लेने का भी अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर डेलिगेट्स के साथ कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल व सुबोध उनियाल, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू, डीजीपी अशोक कुमार, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व आनन्द वर्धन सिंह, सचिव शैलेश बगोली, पंकज पांडे व विनोद कुमार सुमन, आयुक्त गढ़वाल मंडल सुशील कुमार, डीजी सूचना बंशीधर तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष टिहरी सोना सजवान, विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय, देवप्रयाग विनोद कंडारी, राजपुर रोड खजान दास, केदारनाथ शैला रानी रावत, घनसाली शक्तिलाल शाह, नगरपालिका अध्यक्ष नरेंद्रनगर राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार, मेयर ऋषिकेश अनीता मंगाई, मुनीकीरेती रोशन रतूड़ी, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, पदम श्ररी प्राप्तकर्ता प्रेमचंद्र शर्मा सहित अन्य उच्चधिकारी व अन्य मौजूद रहे |
नई टिहरी:- अब नहीं होगी ऊर्जा की कमी, पंप स्टोरेज प्लांट यूनिट को ग्रिड से जोड़ने पर टीएचडीसी के अधिकारी और कर्मचारियों में खुशी की लहर। ऊर्जा के क्षेत्र में टिहरी बांध परियोजना के नाम एक और उपलब्ध...