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सात समंदर पार जापान से जनसेवा में लगे हैं एस पी डिमरी ।
विदेश में रह कर भी समाज के प्रति अपना दायित्व नहीं भूले एनआरआइ।
वैसे तो क्षेत्र में ऐसे सैकड़ों लोग हैं जो विदेश में जाकर या तो शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं या फिर वहीं बस गए हैं। इनमें से कुछ ऐसी शख्सियत भी हैं जो विदेश में रहते हुए भी अपने पैतृक क्षेत्र में समाजसेवा में योगदान देना नहीं भूले। उनका मन आज भी यहीं बसता है। ऐसे ही लोगों में शामिल हैं टिहरी के शक्ति प्रसाद डिमरी। अपने इसी स्वभाव के कारण वह विदेश में रहकर भी लोगों के दिलों में बसे हुए है।
छात्रों की पढ़ाई में कर रहे हैं मदद
शक्ति प्रसाद डिमरी पत्नी और बच्चों के साथ वर्षों पहले जापान गए थे। वहां जाने के बाद भी उनका अपने क्षेत्र से बहुत लगाव रहा है। समय-समय पर यहां होने वाले सामाजिक कार्यों में वह अपना योगदान देते हैं। एक गरीब किसान परिवार में जन्मे श्री डिमरी 2020 से इन्टर कालेज विनयखाल में गरीब निर्धन छात्र छात्रों के लिए सहयोग कर रहे हैं साथ ही गरीब कन्याओं की शादी खर्चा हो या मंदिर में दान देने की बात हर जगह सहयोग करते हे । श्री डिमरी कहते हैं जो लोग अपने आप में सक्षम है वह लोग सब इस कार्य में आगे आए और लोगों की मदद करें। वहीं क्षेत्र में अन्य जरूरी जनसेवा में अपना सहयोग करते रहते हैं।
शक्ति प्रसाद डिमरी ने ओसाका जापान में विजय गंगा इंटरनेशनल कंपनी का शुभारंभ किया और इसी कंपनी के माध्यम से जापान में कई भारतीय युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं।
तिसरियाड़ा गांव के शक्ति प्रसाद डिमरी कई वर्ष पहले जापान चले गए थे। आज भी परिवार के साथ वहीं रह रहे है। गांव में समय-समय पर आते रहते हैं। पिछले वर्ष गांव के नजदीक इंटर कॉलेज विनयखाल में जब वह विद्यालय के बारे में चर्चा कर रहे थे तो उन्हें पता चला कि गांव के स्कूल में प्रिंटर खस्ताहाल हो चुके है। जिससे विद्यालय में काफी दिक्कत होती है। उन्होंने तुरंत अपने खर्च पर स्कूल में प्रिंटर लगवाया जिस पर करीब हजारों रुपये खर्च आया।
शक्ति प्रसाद डिमरी ने बताया कि पैसे कमाने से कहीं ज्यादा लोगों की मदद करना महत्वपूर्ण है। 5हमारे यहां युवाओं की तरक्की पैसे के आधार पर मापी जाती है। मेरा मानना है कि युवा अन्य वजहों से भी शोहरत-कामयाबी हासिल कर सकते हैं। मैं ऐसा ही कर रहा हूं। मेरे लिए पैसा कमाने से ज्यादा लोगों की मदद महत्वपूर्ण है। इसीलिए मैंने विदेश में नौकरी करने के साथ-सात देश के युवाओं में सामाजिक उद्यमिता का काम भी चुना। मेरा मानना है कि युवाओं की मानसिकता बदलने की जरूरत है।
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