घनसाली के अस्पताल आज भी बने रेफर सेंटर, नगर पंचायत अध्यक्ष आनंद बिष्ट ने की मांग, मरीजों को श्रीनगर नहीं, एम्स ऋषिकेश किया जाए रेफर
06-11-2025 08:36 PM
नई टिहरी
घनसाली (टिहरी गढ़वाल)। क्षेत्रीय जनता की लंबे समय से चली आ रही शिकायत एक बार फिर ‘दिशा’ बैठक में गूंज उठी। घनसाली नगर पंचायत अध्यक्ष आनंद बिष्ट ने बैठक के दौरान कहा कि घनसाली क्षेत्र के अस्पताल आज भी सिर्फ रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं, जहां मरीजों का प्राथमिक उपचार करने के बजाय उन्हें सीधे रेफर कर दिया जाता है।
गुरुवार को नई टिहरी में आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह की अध्यक्षता में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर विस्तृत चर्चा हुई। इसी दौरान अध्यक्ष आनंद बिष्ट ने कहा कि घनसाली क्षेत्र में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को तत्काल उपचार नहीं मिल पाता, और उन्हें श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर कर दिया जाता है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को अतिरिक्त आर्थिक व मानसिक परेशानी झेलनी पड़ती है।
उन्होंने सांसद और अधिकारियों से अनुरोध किया कि गंभीर मरीजों को अब श्रीनगर की बजाय सीधे एम्स ऋषिकेश रेफर किया जाए, ताकि बेहतर और त्वरित इलाज मिल सके। उन्होंने कहा कि घनसाली उपजिला अस्पताल को पहले की तरह केवल रेफर सेंटर बनाना उचित नहीं है, बल्कि यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों और आवश्यक उपकरणों की स्थायी नियुक्ति की जानी चाहिए।
बैठक में मौजूद सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायकगण एवं जिला स्तरीय अधिकारियों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और स्वास्थ्य विभाग को दिशा-निर्देश दिए कि घनसाली अस्पताल की चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ किया जाए, ताकि स्थानीय मरीजों को रेफर करने की आवश्यकता कम पड़े।
जनप्रतिनिधियों ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में अस्पतालों की मजबूती जनसुविधा से सीधा जुड़ा मामला है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती, आधुनिक जांच सुविधाएं और 24 घंटे आपातकालीन सेवा सुनिश्चित की जाएं।
स्थानीय लोगों ने भी नगर अध्यक्ष की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि यदि मरीजों को सीधे एम्स ऋषिकेश भेजा जाएगा तो कई गंभीर मामलों में जान बचाई जा सकती है।
दिशा बैठक में घनसाली क्षेत्र की स्वास्थ्य स्थिति एक बार फिर केंद्र में रही, जहां जनप्रतिनिधियों ने अस्पतालों की वास्तविक स्थिति पर चिंता जताते हुए स्थायी समाधान की मांग की।