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घनसाली में नहीं थम रहा जंगली जानवरों का कहर पुर्वालगांव में चार वर्षीय मासूम को गुलदार ने बनाया निवाला।टिहरी जनपद के सीमांत घनसाली क्षेत्र में आपदाएं रुकने का नाम नहीं ले रही विगत जुलाई माह से शुरू हुई आपदा ने ...
घनसाली, टिहरी:-
टिहरी जनपद के प्रसिद्ध सिद्धपीठ राजराजेश्वरी मंदिर चूलागढ़ बासर में इस वर्ष भी गंगा दशहरा के अवसर भव्य जात का आयोजन किया गया, विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी यहां पर हजारों की संख्या में भक्तों ने मां राजराजेश्वरी के दर्शन किए और माता का आशीर्वाद लिया।
मंदिर समिति के उपाध्यक्ष भास्कर नौटियाल ने बताया कि यहां पर 2018 से गंगा दशहरा के अवसर पर यहां घनसाली और बालगंगा तहसील की कई पट्टी के लोगों द्वारा भव्य जात का आयोजन किया जा रहा है वहीं उन्होंने बताया कि उत्तराखंड की पावन भूमि पर ढेर सारे पावन मंदिर और स्थल हैं जहां पहुंचते ही असीम शांति का अनुभव होता है। मां दुर्गा के शक्तिपीठों के अलावा उत्तराखंड में मां के इन मंदिरों का भी खास महत्व है। यहां हजारों साल से मां की पूजा-उपासना हो रही है… हिमालय का गढ़वाल क्षेत्र देव भूमि के नाम से विख्यात है। यह भूमि अनादिकाल से देवी देवताओं की निवास स्थली और अवतारों की लीला भूमि रही है। यहां पर प्रसिद्ध ऋषियों ने ज्ञान विज्ञान की ज्योति जलाई और समस्त वेद, पुराणों, शास्त्रों की रचना की। माँ राज राजेश्वरी का पावन शक्तिपीठ इसी हिमालय पर्वत पर स्थित है। श्रीमुख पर्वत, बालखिल्य पर्वत, वारणावत पर्वत और श्रीक्षेत्र के अंतर्गत माँ राज राजेश्वरी के परमधाम का वर्णन मिलता है। माँ राजराजेश्वरी का मंदिर बालखिल्य पर्वत की सीमा में मणि द्वीप आश्रम में स्थित है जो कि बासर, केमर, भिलंग एवं गोनगढ़ के केन्द्रस्थल में चमियाला से 15 कि. मि. और मांदरा से 2 कि. मि. दूरी पर रमणीक पर्वत पर स्थित है। माँ राज राजेश्वरी के बारे में आख्यान मिलता है कि देवासुर संग्राम के समय आकाश मार्ग से गमन करते समय माँ दुर्गा का खड्ग ( अज्ञात धातु से बना एक "शक्ति शस्त्र" तलवार जैसा हथियार) चुलागढ की पहाड़ी पर गिरा था। भारतीय पुरातत्व विभाग के अनुसार यह "शक्ति शस्त्र" लाखों वर्ष पुराना है जो कि मंदिर के गर्भगृह में विद्यमान है।और टिहरी रियासत के दौरान यहां पर एक पत्थर मिला था जिसकी पुष्टि संवत् 909 से संबंध थी। माँ राज राजेश्वरी दस "महाविद्या" में से एक "त्रिपुर सुंदरी" का स्वरूप हैं। माता राज राजेश्वरी टिहरी रियासत के राज वंश द्वारा पूजी जाती थी । कनक वंश के राजा सत्यसिंध (छत्रपति)ने 14 वीं शताब्दी में मां राजराजेश्वरी मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था। स्कंदपुराण में यह उल्लेख मिलता है कि एक बार जब पृथ्वी पर अवश्रण हुआ तो ब्रह्मा जी ने इसी देव भूमि में आकर माँ राज राजेश्वरी का स्तवन किया। स्कन्दपुराण में निम्न उल्लेख है:-
शिवां सरस्वती लक्ष्मी, सिद्धि बुद्धि महोत्सवा। केदारवास सुंभंगा बद्रीवास सुप्रियम।।
राज राजेश्वरी देवी सृष्टि संहार कारिणीम। माया मायास्थितां वामा, वाम शक्ति मनोहराम।।
(स्कन्दपुराण, केदारखण्ड अध्याय 110)
वहीं कार्यक्रम में पहुंचे क्षेत्रीय विधायक शक्ति लाल शाह ने कहा कि गंगा दशहरा के अवसर पर ठीक एक साल पहले यहां पर मोटर मार्ग निर्माण का शिलान्यास किया गया था जो आज कर्णगांव-राजराजेश्वरी-कांगडा गांव तक सड़क का निर्माण पूर्ण हो चुका है जिसके लिए विधायक शक्ति लाल शाह बासर केमर के लोगों को बधाइयां और धन्यवाद दिया है। विधायक शक्ति लाल शाह ने कहा कि सड़क पहुंचने से यहां पर आने वाले समय में यहां पर विकास कार्यों में तेजी मिलेगी और श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा होगा। वहीं उन्होंने कहा कि मैं घोषणा पर विश्वास नहीं करता हूं बल्कि धरातल पर काम करता हूं, मंदिर में अन्य विकास कार्यों में हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया है।
वहीं मंदिर समिति राज द्वारा बताया गया कि मां राज राजेश्वरी सिद्धपीठ मन्दिर, चूलागढ़ धाम पट्टी बासर में, गंगा दशहरा के पावन अवसर पर सामुहिक जात/वार्षिक उत्सव का आयोजन धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर केमर, बासर, आरगढ़, गोनगढ़, भिलंग, नैलचामी, थाती कठुड़ आदि पट्टियों के करीब 4000/5000 भक्त माता के दर्शन से लाभान्वित हुए। इस अवसर पर भजन मंडली ने माता के भजनों का मधुर गायन किया। तथा भंडारे तथा जलपान का भी सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर घनसाली विधानसभा के विधायक शक्तिलाल शाह ने भी माता के दिव्य दर्शन किए तथा अपने विचार व्यक्त किए।
इस शुभ अवसर पर निम्नलिखित माता के परम भक्तों द्वारा मंदिर निर्माण हेतु दान के लिए सहमति दी गई:
1) श्री विजय नौटियाल (मांदरा): ₹ 11,51,000/
2) श्री सुन्दर लाल नौटियाल (मांदरा): ,₹ 2,50,000/
3) श्री भगवती प्रसाद भट्ट (बेलेश्वर): ₹ 1,00,000/
4) श्री भास्करा नन्द नौटियाल (मांदरा): ₹ 1,00,000/
इस अवसर पर विधायक शक्ति लाल शाह, गोविंद सिंह राणा, मंदिर समिति अध्यक्ष नीलम भट्ट जी,उपाध्यक्ष भास्कर नौटियाल, डॉ विजय नौटियाल, रामकुमार, दिनेश भजनियाल, पुरण रावत, मुकेश नाथ, हर्षलाल, पूर्व प्रधान मोहन भट्ट , जिला पंचायत धनपाल नेगी, क्षेपंस जितेंद्र कठैत, प्रधान ओम प्रकाश,उदय नेगी , विक्रम नेगी अनिता, विक्रम असवाल,अबल सिंह रावत, शिव सिंह असवाल, धनपाल बिष्ट, विनोद, राजवीर, वन दरोगा विभाग सुमेर चंद, हुकम सिंह, राकेश बिष्ट, रतन रावत, राजेंद्र चौहान, डॉ नरेश बसलियाल, कुंवर सिंह रावत, हयात सिंह, सबल सिंह, मनोज चौहान, जमन सिंह, राजेश मिश्रवाण आदि हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
घनसाली में नहीं थम रहा जंगली जानवरों का कहर पुर्वालगांव में चार वर्षीय मासूम को गुलदार ने बनाया निवाला।टिहरी जनपद के सीमांत घनसाली क्षेत्र में आपदाएं रुकने का नाम नहीं ले रही विगत जुलाई माह से शुरू हुई आपदा ने ...