घनसाली में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ दो मोर्चों पर आंदोलन तेज, अनीशा और रवीना की मौत बनी जनआक्रोश का कारण।
27-10-2025 08:03 AM
घनसाली, टिहरी गढ़वाल:-
भिलंगना ब्लॉक में लगातार बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्थाओं और हाल ही में दो प्रसूताओं की दर्दनाक मौत के बाद क्षेत्र की जनता में भारी आक्रोश व्याप्त है। पिछले माह तितराणा गांव निवासी अनीशा रावत और शुक्रवार को रवीना कठैत की असमय मृत्यु ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। दोनों ही मौतों के बाद स्थानीय लोग स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
इसी के विरोध में अब दो संगठनों ने अलग-अलग मोर्चे खोल दिए हैं। पर्वतीय युवा संगठन ने शनिवार से पिलखी अस्पताल के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। इस आंदोलन का नेतृत्व संदीप आर्य, विक्रम घणाता, अनुज शाह और हरीश रावत कर रहे हैं। संगठन का कहना है कि पहाड़ों की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है, जिससे आम लोगों को जान गंवानी पड़ रही है। संगठन ने दोषी डॉक्टरों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
वहीं दूसरी ओर, सर्वदलीय स्वास्थ्य संघर्ष समिति ने भी आंदोलन की कमान संभाल ली है। समिति की ओर से सोमवार से घनसाली बाजार के समीप धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। इस आंदोलन का नेतृत्व पूर्व विधायक भीम लाल आर्य, व्यापार मंडल अध्यक्ष घनसाली, तथा कांग्रेस के कई पदाधिकारी करेंगे। समिति का कहना है कि सरकार केवल आश्वासन दे रही है, जबकि जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार नहीं हुआ है।
दोनों संगठनों के आंदोलनों ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। लोग अब स्थायी डॉक्टरों की तैनाती, चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता और जवाबदेही तय करने की मांग पर अडिग हैं। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती और अस्पतालों में संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा किसी हादसे से कम नहीं है। राज्य स्थापना को पच्चीस वर्ष पूरे होने को हैं, लेकिन आज भी ग्रामीणों को इलाज के लिए घंटों पैदल चलकर मुख्यालयों का रुख करना पड़ता है।
वहीं स्वास्थ्य विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए भिलंगना स्वास्थ्य डॉ आशीष कुमार पिलखी अस्पताल से हटा कर डॉ उषा भट्ट को प्रभार सौंप दिया गया है।