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देहरादून:-
उत्तराखण्ड की राजनीति के गलियारों में अंकिता हत्याकांड को लेकर सत्तासीन पार्टी भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में ज़ुबानी जंग थमने का नाम नही ले रही है। सत्तापक्ष से जुड़े लोग अंकिता हत्याकांड पर हुई कार्रवाई को लेकर सरकार की पीठ थपथपा रहे हैं तो वहीं कांग्रेस इस पूरे मामले में अभी तक वीआईपी के नाम का खुलासा ना होने और सबूतों से छेड़छाड़ के मामले में भाजपा को घेरती नज़र आ रही है।
प्रदेश में हुए अंकिता हत्यकांड में वीआईपी का नाम उजागर ना होने सबूतों के साथ छेड़छाड़ को लेकर पिछले काफ़ी वक़्त से सियासी घमासान मचा हुआ है, हालांकि अंकिता हत्याकांड को लेकर प्रशासन और सरकार निष्पक्ष जांच का दावा कर रहे हैं, लेकिन अभी तक अंकिता हत्याकांड में शामिल VIP के नाम का खुलासा करने से SIT बच रही है। यही वजह है कि इस हत्याकांड की जांच प्रणाली शक के घेरे में है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने VIP के नाम के खुलासे के लिए एसआईटी दफ़्तर के बाहर रात्रिकालीन धरना देने की बात कही है साथ ही प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए ये भी कहा है कि इस धरना प्रदर्शन को वो लम्बा चला सकते हैं। तो वहीं भाजपा से जुड़े नेता अंकिता हत्यकांड पर धामी सरकार की कार्रवाई पर कांग्रेस के विरोध और हरदा द्वारा एसआईटी दफ़्तर के बाहर रात्रि धरना देने की चेतावनी को महज़ ड्रामा और राजनीति चमकाने का पॉलिटिकल स्टंट क़रार दे रहे हैं।
भाजपा से जुड़े नेताओं का कहना है कि उनको सरकार और एसआईटी पर अंकिता हत्यकांड को लेकर निष्पक्ष जांच का पूरा भरोसा है। हालांकि यहां ये भी साफ़ करना ज़रूरी है कि हाल ही में एसआईटी ने हाईकोर्ट में एक एफिडेविट दाख़िल किया था जिसमें साफ़ तौर से कहा गया है कि हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य का वनान्तरा रिज़ॉर्ट डेमोलिश होने की वजह से सबूत इकट्ठा नहीं कर पाए। और ऐसे में ये सवाल खड़ा होना लाज़मी है कि जब एसआईटी सबूत ही इकट्ठे नहीं कर पाई तो भला फिर वीआईपी का नाम आख़िर कैसे उजागर हो सकेगा।
घनसाली- भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में मंगशीर बग्वाल को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।मुख्य दीपावली के ठीक एक माह बाद 30 नवंबर को टिहरी जिले के थाती कठूड़ के लोग मंगशीर की दीपवाली (बग्वाल) मनाएंगे। दीपाव...