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घनसाली, टिहरी:- भिलगंना रेंज के अन्तर्गत विगत चार माह से मानव क्षति करने वाला और दहशत का कारण बना चिन्हित गुलदार को ग्राम भौंडगांव के समीप स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जनता के सहयोग से विभागीय कर्मचारियों क...
देहरादून:-
उत्तराखंड राज्य में एक बार फिर अंकिता हत्याकांड मामले के बाद राजस्व व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं दरअसल जहां एक और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही इस बात के निर्देश दे चुके हैं कि जिन क्षेत्रों में पुलिस व्यवस्था की सबसे अधिक जरूरत है उन जगहों पर पुलिस व्यवस्था को लागू किया जाना चाहिए। जिसके बाद इस संबंध में उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दे दिए है। तो वही, राजस्व व्यवस्था पर विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के सवाल उठाए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने जो सवाल उठाए हैं उसकी वास्तव में प्रदेश को जरूरत है, क्योंकि पहले ऐसा होता था कि जब पटवारी गांव में जाता था और आरोपी को पूरी सज्जनता के साथ इस बात को बोलता था कि आप की गिरफ्तारी हो गई है आप घर से कहीं भी नहीं जाएंगे और ऐसी नैतिक वरीता तब होती थी। लेकिन आज स्थिति यह है कि अगर पटवारी कहीं ऐसे बोलने जाता है तो उसके ऊपर ही हमला हो जाता है इसलिए पटवारी व्यवस्था पर पूरी गंभीरता के साथ पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
लिहाजा अब इस पटवारी व्यवस्था को समाप्त कर पुलिस व्यवस्था को लागू करना चाहिए। साथ ही कहा कि भारत सरकार भी मदद करती है क्योंकि उन्होंने भी अपने कार्यकाल में काफी जगह पर थाने चौकियां खुलवाए हैं लिहाजा उसको किया जा सकता है हालांकि जहां पर इस तरह की घटनाएं ज्यादा होती हैं उन क्षेत्रों में पहले राजस्व व्यवस्था को हटाकर पुलिस व्यवस्था को लागू करना चाहिए। ऐसे में अगले चार-पांच सालों में प्रदेश से राजस्व व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।
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