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Rishikesh: लोकगायक गजेन्द्र राणा के गीतों ने ईगास बग्वाल में बांधा समा, लोगों ने जमकर लगाए ठुमके

02-11-2025 08:24 PM

रिपोर्ट – नवीन नेगी, ऋषिकेश।

न्याय पंचायत श्यामपुर के खदरी चौपड़ा फार्म में शनिवार को पारंपरिक लोकपर्व ईगास बग्वाल बड़े ही हर्षोल्लास और सांस्कृतिक धूमधाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन "पहाड़ टीम"के सदस्यों द्वारा कनिष्ठ प्रमुख बीना चौहान के विशेष प्रयासों से किया गया। पूरे क्षेत्र में लोक संस्कृति और परंपराओं की झलक इस आयोजन में देखने को मिली।

कार्यक्रम का शुभारंभ ब्लॉक प्रमुख डोईवाला गौरव सिंह, कनिष्ठ प्रमुख बीना चौहान, जिला पंचायत सदस्य विनीता रतूड़ी, रोशन उपाध्याय और रामसवरूप राणाकोटी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया।

शुरुआत में बालिकाओं ने मनमोहक प्रस्तुति ‘हे नंदा हे गौरा’ से कार्यक्रम का माहौल भक्तिमय बना दिया। इसके बाद असेना की महिलाओं ने वीर माधो सिंह भंडारी की पौराणिक कथा का मंचन किया, जिसने दर्शकों को भावुक कर दिया। बच्चों ने भी पारंपरिक परिधानों में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों का दिल जीत लिया।

कार्यक्रम का सबसे आकर्षक क्षण तब आया जब लोकगायक गजेन्द्र राणा मंच पर पहुंचे। उनके आते ही दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। राणा ने “नंदा देवी जागर” से शुरुआत करते हुए “पुष्पा छोरी”, “लीला घसयाली”, “बबली तेरू मोबाइल”, “हीरा समधी”, “हे सुवा” और “फूरकी बाद” जैसे सुपरहिट गीतों की प्रस्तुति दी। उनके गीतों पर दर्शक झूमते और थिरकते नजर आए।

इसके अलावा लोकगायक अन्नू रावत, विनोद सती, कंचन भंडारी और अन्य कलाकारों ने भी अपनी शानदार प्रस्तुतियों से समां बांध दिया।

ब्लॉक प्रमुख गौरव सिंह ने कहा कि “ईगास पर्व वर्षों से पर्वतीय अंचलों में धूमधाम से मनाया जाता रहा है, अब यह पर्व शहरी क्षेत्रों में भी अपनी पहचान बना रहा है। हमें अपनी परंपराओं को सहेजकर अगली पीढ़ी तक पहुंचाना चाहिए।”

वहीं कनिष्ठ प्रमुख बीना चौहान ने बताया कि यह क्षेत्र में दूसरी बार ईगास पर्व का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा, “ईगास में भैलो खेलने का विशेष रिवाज है, बिना भैलो खेले यह पर्व अधूरा माना जाता है। टिहरी जनपद के कई क्षेत्रों में इसे ‘भैला बग्वाल’ के नाम से भी जाना जाता है।”

कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता विनोद चौहान ने किया।
इस अवसर पर महावीर उपाध्याय, कैलाश बिजौला, मनीषा पडियार, शूरवीर सजवाण, अनिल रावत, नवीन नेगी, लक्ष्मण राणा, विजय राणा, सरोप पुडीर, प्रधान असेना सुष्मिता बिष्ट, लालमणि रतूड़ी, गजेन्द्र खरोला, गोपाल रावत, मुन्सी नेगी, जे. आर. भट्ट, रमेश सकलानी, मुकेश जखमोला, अनूप रावत, गौतम राणा, धीरेन्द्र नेगी, आशुतोष नेगी, सुधीर राय, रामपाल असवाल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण व क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।

पूरे कार्यक्रम में पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन, लोकगायकों की प्रस्तुति और ईगास की उमंग ने माहौल को पूरी तरह उत्तराखंडी रंग में रंग दिया।


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