घनसाली में सर्वदलीय स्वास्थ्य संघर्ष समिति ने समाप्त किया धरना, आत्मदाह की चेतावनी को क्षेत्र पंचायत सदस्य राजेंद्र बिष्ट ने बताया ढकोसला
12-12-2025 10:05 AM
घनसाली, टिहरी गढ़वाल
टिहरी जनपद के घनसाली क्षेत्र में पिछले कई दिनों से स्वास्थ्य सुविधाओं के बदहाल हालात को लेकर दो अलग-अलग मोर्चों द्वारा धरना-प्रदर्शन चल रहा था। सर्वदलीय स्वास्थ्य संघर्ष समिति द्वारा पूर्व विधायक भीम लाल आर्य के नेतृत्व में घनसाली बस अड्डे पर चल रहा धरना समाप्त हो गया है, वहीं घनसाली स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा द्वारा पिलखी अस्पताल के बाहर भी आंदोलन जारी है।
गुरुवार को स्थिति तब गंभीर हो गई जब सर्वदलीय समिति के 11 आंदोलनकारियों ने आत्मदाह की चेतावनी दे दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल मौके पर पहुंचीं और आंदोलनकारियों से वार्ता की। डीएम ने तीन माह के भीतर समाधान का आश्वासन दिया, जिसके बाद समिति ने अपना धरना समाप्त कर दिया।
इधर, क्षेत्र पंचायत सदस्य एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजेंद्र बिष्ट ने आत्मदाह की चेतावनी को “ढकोसला” करार देते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आत्मदाह जैसी किसी भी व्यवस्था की कोई जगह नहीं है।
बिष्ट ने कहा कि “टिहरी की धरती श्रीदेव सुमन, इंद्रमणि बडोनी और सुंदर लाल बहुगुणा जैसे महान आंदोलनकारियों की रही है, जिन्होंने संघर्षों से समाज को दिशा दी। सुमन जी ने 84 दिन की भूख-हड़ताल से टिहरी राजशाही के खिलाफ जनता को हक दिलाया था। ऐसे में आत्महत्या जैसे शब्दों का प्रचार करना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।”
उन्होंने पूर्व विधायक पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यदि धरने से सुनवाई नहीं हो रही थी तो लोकतांत्रिक तरीका भूख-हड़ताल हो सकता था, आत्मदाह जैसी बातें नहीं। उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र में प्रचार किया गया कि “हम आत्महत्या कर रहे हैं, देखने आओ”—जो कि गलत परंपरा स्थापित करता है।
राजेंद्र बिष्ट ने आंदोलनकारियों से अपील की कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर करने की मांग उचित है, लेकिन रास्ते गलत नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि “विकास समय लेता है, लेकिन इसके लिए गलत कदम उठाना समाज के लिए ठीक नहीं है।”