घनसाली स्वास्थ्य आंदोलनों के 21वें दिन भी जारी रहा धरना, विधायक और मंत्री के आश्वासन पर भी नहीं माने आंदोलनकारी
14-11-2025 09:55 PM
घनसाली, टिहरी गढ़वाल:-
भिलंगना ब्लॉक में दो प्रसव पीड़िताओं की मौत के बाद शुरू हुआ घनसाली स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा का आंदोलन 21वें दिन भी जारी रहा। गुरुवार देर रात आंदोलन स्थल पिलखी में क्षेत्रीय विधायक शक्ति लाल शाह और ब्लॉक प्रमुख राजीव कंडारी पहुंचे, लेकिन देर रात तक चली वार्ता के बावजूद आंदोलनकारियों को मनाने में वे सफल नहीं हो सके।
शुक्रवार को उत्तराखंड सरकार में दर्जाधारी राज्य मंत्री वीरेंद्र सेमवाल, चमियाला नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद सिंह राणा, भाजपा मंडल अध्यक्ष अनूप बिष्ट और कुलदीप रावत भी आंदोलनकारियों के बीच पहुंचे। जनप्रतिनिधियों ने आंदोलनकारियों से धरना खत्म करने का अनुरोध किया, किंतु प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट कहा कि बिना ठोस निर्णय आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा
आंदोलनकारियों ने दो प्रमुख मांगें रखीं घनसाली को उप जिला चिकित्सालय का दर्जा दिया जाए तथा प्रसव संबंधी घटनाओं में मृत अनीशा रावत, रवीना कठैत और पूरब सिंह के परिजनों को 20-20 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए। आंदोलनकारी अजय कंसवाल, अनुज शाह, संदीप आर्य, विनोद लाल और अरविंद राणा ने कहा कि घनसाली के कुछ नेताओं को धरने से समस्या हो रही है, जबकि उनके परिजन बड़े शहरों में इलाज कराते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आंदोलनों से बना है और आंदोलन ही समाधान का रास्ता दिखाते हैं।
नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद सिंह राणा ने भी आंदोलन के समर्थन में कहा कि युवाओं की मांगे पूरी तरह उचित हैं। उन्होंने 21 दिन बीत जाने के बाद भी समाधान न निकलने पर खेद व्यक्त किया और कहा कि घनसाली को उप जिला चिकित्सालय मिलना समय की जरूरत है।
वहीं, हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के उपाध्यक्ष और दर्जाधारी राज्य मंत्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल ने घटनाओं पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वे स्वयं अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री से भेंट कर घनसाली की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास करेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि घनसाली को उप जिला अस्पताल की सौगात अवश्य मिलेगी।
वहीं ब्लॉक प्रमुख राजीव कंडारी ने कहा कि लगातार आंदोलनकारियों से बात की जा रही है जल्द ही विधायक शाह के नेतृत्व में सीएम से बड़ी घोषणा कराई जाएगी। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर औपचारिक निर्णय नहीं लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा