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ढालवाला ऋषिकेश:-
गढ़भूमि लोकसंस्कृति संरक्षण समिति, संस्कारशाला परिवार और आवाज साहित्यिक संस्था के द्वारा हिंदी दिवस श्री आशाराम व्यास की अध्यक्षता में सामूहिक रूप से मनाया गया। इस अवसर पर सर्व प्रथम बतौर मुख्य अतिथि श्रीमती नीलम बिजल्वाण, गढ़भूमि के अध्यक्ष आशाराम व्यास, महंत मनोज द्विवेदी, संस्कारशाला परिवार के संरक्षक महेश कुड़ियाल और आवाज के अध्यक्ष अशोक क्रेजी के द्वारा संयुक्त रूप से दीपक प्रज्वलन किया गया। संस्कारशाला परिवार से आचार्य दिनेश सेमल्टी, श्रीमती विशम्बरी भट्ट के सुंदर संचालन में संस्थाओ के अध्यक्षों की ओर से अतिथियों का स्वागत सत्कार किया गया। श्रीमती रुकमा व्यास दि ग्राम टूडे के समूह संपादक डॉ शिवेश्वर पांडेय द्वारा संस्कारशाला परिवार को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
पश्चात डॉ. सविता रतूड़ी ऋषिनंदिनी द्वारा मां शारदे की बंदना की गई। स्वागत समारोह में संस्कारशाला परिवार से राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त श्रीमती गीता नौटियाल, डॉ रश्मि पैन्यूली,वीरेन्द्र सेमवाल, श्रीमती सिद्धि डोभाल, डॉ रचना कुंदनानी, नवीन कुंदनानी,आशा भट्ट, विवेक कुड़ियाल, विक्रम सिंह नेगी "कमल" अनीता जोशी, मनीष चौहान, शाकंभरी देवी, और ऋतु असुजा, किरन त्यागी की कविताओं को दर्शकों की वाहवाही मिली।
इस अवसर पर सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के उद्देश्य से संस्था त्रय गढ़भूमि संरक्षण, सांस्कृतिक, साहित्यिक और सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले डॉ. सन्तोष व्यासएवं श्रीमती शकुंतला व्यास और डॉ सुनील थपलियाल और श्रीमती विजयलक्ष्मी थपलियाल को उत्तरीय वस्त्र शाल, अभिनन्दन पत्र और स्मृति चिह्न भेंट सम्मानित किया। अतिथि मनोज महंत मनोज द्विवेदी ने कहा कि राजभाषा हिंदी हमारी पहचान है यह हमारी अस्तित्व है। किसी भी राष्ट्र की उन्नति में भाषा, साहित्य और साहित्यकार की बड़ी भूमिका होती है। साहित्यकार जिस प्रकार का साहित्य निर्माण करेंगे समाज पर उसका असर पड़ता है। संस्थाओं ने राष्ट्र एवं राजभाषा हिंदी का प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभाने वाले लब्धप्रतिष्ठित कवि कवयित्रियों द्वारा काव्य संगोष्ठी एवं काव्य पाठ किया गया । अध्यक्ष श्री आशाराम व्यास ने बताया कि वे साहित्यकारों का आवाहन करते हैं कि वे समाज को दिशा देते रहें और अपनी बोली भाषा और राष्ट्र भाषा के लिए नित निरंतर कार्य करते रहे।
कार्यक्रम के अध्यक्ष आशाराम व्यास ने कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। इस अवसर पर गढ़भूमि संरक्षण समिति के सचिव विशालमणि पैन्यूली, घनश्याम नौटियाल, महिपाल बिष्ट, डॉ राकेश व्यास,अशोक क्रेजी, गजेन्द्र कंडियाल डॉ सन्तोष व्यास,
डॉ सुनील थपलियाल, आचार्य रामकृष्ण पोखरियाल, सुरेन्द्र सिंह भंडारी दर्शनी भंडारी, धनीराम बिंजोला महिपाल बिष्ट, श्रीमती विशम्बरी भट्ट, रश्मि पैन्यूली, प्रवीण व्यास आदि उपस्थित रहे।
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