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घनसाली:-
घनसाली ठेकेदार संघ अपनी तीन मुख्य मांगों को लेकर तीसरे दिन भी लोक निर्माण विभाग घनसाली में जोर शोर से अपनी मांगों को लेकर आंदोलित रहा जिसमें तीन मुख्य मांगे रही रॉयल्टी पर पेनल्टी वाली नियमावली वापस ले सरकार और दूसरी जो पहाड़ों पर रोड कटिंग के दौरान उप खनिज निकलता है, जैसे बोल्डर एवं रेत रोड़ी उसके यूज करने पर पहाड़ों के ठेकेदारों से विभाग द्वारा रॉयल्टी कटती थी, वह पूर्व की भांति कटती रहे विभाग द्वारा खनिज का मूल्यांकन किया जाता था और उसके अगेंस्ट ठेकेदारों से रॉयल्टी काटी जाती थी, वह नियमावली पूर्व की भांति ही रहे ठेकेदार संघ के अध्यक्ष प्यार सिंह बिष्ट ने कहा कि पहाड़ों का अगर सरकार पलायन रोकना चाहती है तो पूर्व की भांति ही यह नियमावली रहे नई नियमावली से पहाड़ों का पलायन रुकने वाला नहीं है, एक तरफ तो सरकार कहती है कि पहाड़ों का पलायन रोकना है दूसरी तरफ सरकार जो पहाड़ों पर बेरोजगार लोग निवास कर रहे हैं कुछ लोग उनके ऊपर जबरन ऐसे तुगलकी फरमान एवं ऐसे कानून जबरन थोपे जा रहे हैं।
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लोग पलायन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे अगर सरकार की नीयत साफ है तो सरकार को यह नियम वापस लेने होंगे अगर सरकार यह अपने तुगलकी फरमान वापस नहीं लेती है तो ठेकेदार संघ पूरे उत्तराखंड में अभी तो क्रमिक अनशन पर है। उसके बाद तालाबंदी भी की जाएगी और सड़कों पर आंदोलन भी किया जाएगा उसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो जेल भरो आंदोलन भी किया जाएगा करनी और कथनी में फर्क नहीं होना चाहिए। पी एस बिष्ट ने बताया कि आज सभी उत्तराखंड के सम्मानित जो भी किसी भी पार्टी के पदाधिकारी हैं चाहे वह किसी भी पार्टी को समर्थन करते हो आज पहाड़ों पर वही लोग निवास कर रहे हैं जो लोग ठेकेदारी या प्रधान या जिला पंचायत क्षेत्र पंचायत या किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता हैं वही पहाड़ों पर आज निवास कर रहे हैं। बाकी लोग अपनी रोजी-रोटी एवं अपने परिवार के लालन पालन के लिए बड़े-बड़े महानगरों में निवास कर रहे हैं आज उत्तराखंड में अगर कोई व्यक्ति पहाड़ों की सुंदरता पहाड़ों का विकास गांव का विकास में अपना योगदान दे रहे हैं तो वह एकमात्र व्यक्ति है वह ठेकेदार भी है ग्राम प्रधान भी है क्षेत्र पंचायत भी है, जिला पंचायत भी है, अगर इन लोगों का रोजगार छिन जाए तो गांव में कोई निवास नहीं कर सकता है। गांव कस्बे बिरान हो जाएंगे मैं किसी पार्टी विशेष की बात नहीं कर रहा हूं पार्टियां कार्यकर्ताओं से बनती है पार्टियां कार्यकर्ताओं को नहीं मानती हैं कार्यकर्ता मजबूत होंगे तो पार्टियां तभी मजबूत होगी चाहे वह कोई भी दल हो अगर कार्यकर्ता नहीं है तो पार्टी भी नहीं है पार्टियों को हम और आप बनाते हैं पार्टियां हमें नहीं बनाती है। हमारा रोज रोजगार मजबूत होगा तो तभी जाकर हम पार्टियों को भी मजबूत कर सकते हैं इसलिए ठेकेदारों की बात को सरकार को मानना ही होगा और अपने तुगलकी फरमान वापस लेने ही होंगे।
देहरादून:- जिला प्रशासन ने देहरादून के होटल हयात रीजेंसी में 24 घंटे बार खोलने के आदेश को निरस्त कर दिया है। 24 घंटे बार खोलने के आदेश की सोशल मीडिया और आम जनता में जमकर आलोचना हो रही थी, जिसके बाद जिला प्रशास...