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घनसाली- भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में मंगशीर बग्वाल को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।मुख्य दीपावली के ठीक एक माह बाद 30 नवंबर को टिहरी जिले के थाती कठूड़ के लोग मंगशीर की दीपवाली (बग्वाल) मनाएंगे। दीपाव...
देहरादून:-
उत्तराखंड में लंबे समय से राज्य आंदोलनकारियों द्वारा पेंशन की मांग के चलते आंदोलन चलाया जा रहा था। जिसकी शासन ने मंजूरी दे दी है। शासन द्वारा आदेश जारी किया गया है कि राज्य आंदोलनकारियों की मृत्यु हो जाने की स्थिति में उनके आश्रितों को पेंशन का लाभ दिया जाएगा।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में चिन्हित आंदोलनकारियों को लेकर शासन की तरफ से आदेश जारी किया गया है। इसमें आंदोलनकारियों की मृत्यु होने के बाद उनके आश्रितों को भी पेंशन दिए जाने का फैसला हुआ है। शासन की तरफ से जारी किए गए आदेश के बाद अब आंदोलनकारियों को इसका लाभ मिल सकेगा।
उत्तराखंड में राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की पिछले लंबे समय से लंबित मांग को आखिरकार सरकार ने पूरा कर दिया है। इसके तहत अब राज्य में चिन्हित आंदोलनकारियों की मृत्यु के बाद उनके आश्रितों को पेंशन दी जा सकेगी। जारी किए गए आदेश के अनुसार राज्य आंदोलन के दौरान 7 दिन तक जेल जाने वाले या राज्य आंदोलन में घायल होने वाले आंदोलनकारियों से अलग ऐसे सभी चिन्हित आंदोलनकारी जिनको पूर्व में जून 2016 के आदेश के क्रम में 3100 प्रति माह और 17 दिसंबर 2021 के आदेश के क्रम में ₹4500 प्रति माह पेंशन मिल रही थी, ऐसे आश्रितों को अब आंदोलनकारी की मृत्यु की स्थिति में हर महीने पेंशन दिए जाने का फैसला किया गया है।
आपको बता दें कि राज्य आंदोलनकारियों की तरफ से पहले ही आश्रितों को पेंशन दिए जाने की मांग की जा रही थी, जिस पर आदेश न होने के कारण अमल नहीं किया जा पा रहा था। हालांकि, अब भी राज्य आंदोलनकारियों की ऐसी कई मांगें हैं जिन पर फिलहाल सरकार की तरफ से फैसला नहीं लिया गया है और राज्य आंदोलनकारी पिछले लंबे समय से विशेष लाभ पाने के लिए सरकार के सामने दरख्वास्त करते रहे हैं।
हालांकि, आदेश में यह साफ किया गया है कि आश्रित उसी स्थिति में इस पेंशन को पाने के हकदार होंगे यदि जून 2016 के अंतर्गत आदेश के तहत आंदोलनकारी को पूर्व में इसकी पेंशन का लाभ मिल रहा होगा। जारी किए गए आदेश के क्रम में गृह विभाग की तरफ से इसे मंजूरी दी गई है और अब आश्रितों को भी इस आदेश के बाद पेंशन का लाभ मिलने लगेगा।
वहीं सरकार आज तक उन आंदोलनकारियों को चिन्हित नहीं कर पाई जो लोग आंदोलन के दौरान जगह जगह आंदोलनकारियों नेताओं के साथ रहे पुलिस के डंडे भी खाये और घायल भी हुए लेकिन सरकार के रिकॉर्ड में कहीं शामिल नहीं पाए, टिहरी जनपद से ही उत्तराखंड आंदोलन में स्व० इंद्रमणि बडोनी के साथ भिलंगना ब्लॉक के सेंकड़ों लोग मौजूद रहे लेकिन आज चिन्हित आंदोलनकारियों में कुछ गिने चुने नाम ही शामिल है। जबकि विक्रम बिष्ट, मोहन लाल भट्ट, सूर्य प्रकाश रतूड़ी, धनपाल बिष्ट, गिरीश नौटियाल आदि तमाम सेंकड़ों लोग आज भी आंदोलनकारी घोषित होने की आश में नजर टिक टिकाएं बैठे हैं।
घनसाली- भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में मंगशीर बग्वाल को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।मुख्य दीपावली के ठीक एक माह बाद 30 नवंबर को टिहरी जिले के थाती कठूड़ के लोग मंगशीर की दीपवाली (बग्वाल) मनाएंगे। दीपाव...