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देहरादून:-
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव तो संपन्न हो चुके हैं, लेकिन पंचायत गठन और शपथ प्रक्रिया में अब बड़ा पेंच फंस गया है। इस जटिलता के कारण प्रदेश की हजारों ग्राम पंचायतों में दुबारा चुनाव कराने की नौबत आ गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, करीब पांच हजार ग्राम प्रधान अब तक शपथ नहीं ले पाए हैं, क्योंकि इन ग्राम पंचायतों में पंचायत सदस्य ही निर्वाचित नहीं हुए। कोरम पूरा न होने से ग्राम पंचायतों का गठन अटक गया है। यही वजह है कि अभी तक कुल 7,499 ग्राम पंचायतों में से केवल 2,707 ग्राम पंचायतों का ही गठन हो पाया है।
सबसे गंभीर स्थिति यह है कि पंचायत सदस्यों के रिक्त पदों के लिए फिर से चुनाव कराए जाएंगे। इसके अलावा, 20 गांवों में ग्राम प्रधानों का चुनाव भी दोबारा होगा। इस प्रकार, पूरे प्रदेश में कुल 33,490 पदों के लिए उपचुनाव कराए जाने की तैयारी शुरू हो गई है।
सूत्रों के अनुसार, उपचुनाव की प्रक्रिया तेज की जा रही है और संभावना जताई जा रही है कि ये चुनाव 20 सितंबर तक कराए जा सकते हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग ने शासन को पत्र भेजकर जिलावार रिक्त पदों का ब्यौरा जल्द उपलब्ध कराने को कहा है। आयोग का कहना है कि उच्च स्तर पर विमर्श के बाद उपचुनाव की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के तहत प्रदेश की 12 जिलों की 7,499 ग्राम पंचायतों, 89 क्षेत्र पंचायतों और 12 जिला पंचायतों में मतदान कराया गया था। इसके बाद 27 अगस्त को ग्राम पंचायतों में शपथ ग्रहण शुरू हुआ था, लेकिन अधूरी संरचना के कारण अधिकांश पंचायतों का गठन नहीं हो पाया।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि पंचायत व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए उपचुनाव अनिवार्य हैं। जल्द ही कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी ताकि गांवों में जनप्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।
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