ताजा खबरें (Latest News)
आपदा प्रभावित ग्रामीणों ने दी भूखहड़ताल की धमकी आपदा के एक माह बाद भी नही हो रही सुनवाईपंकज भट्ट- घनसाली:- विकास खंड भिलंगना के सीमांत गांव गेवाली में आई प्राकृतिक आपदा के एक माह बाद भी प्रभावित ग्रमीणों की समस...
नई टिहरी:-
उत्तराखंड में बदहाली की कगार पर पहुंच चुकी फिल्म इंडस्ट्री को नए-नए प्रयोग कर बचाने की कवायद की जा रही है। उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के काम को बदलते दौर के साथ अब दर्शक पसंद करने लगे हैं, लेकिन अब भी नीति नियंताओं की अनदेखी से उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग मायूस हैं। इन दिनों प्रदेश के विभिन्न स्थानों के सिनेमा हॉल में गढ़वाली फीचर फिल्म खैरी का दिन प्रदर्शित की जा रही है। जिसे देखकर दर्शक कलाकारों के अभिनय को सराह रहे हैं, लेकिन कोई नेता अभी तक इस फिल्म को देखना तो दूर नाम तक लेने को तैयार नहीं हैं।
देखें खबर: उत्तरकाशी गंगोत्री हाईवे बार-बार बाधित, बरसात में निपटना सबसे बड़ी चुनौती- महाराज
वहीं नई टिहरी स्थित पालिका सिनेमा हॉल मे गढ़वाली फिल्म खैरी का दिन के शुभारंभ के अवसर पर शुक्रवार को टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय व बीजेपी के जिला अध्यक्ष विनोद रतूड़ी व मंडल अध्यक्ष विजय कठैत, पूर्व प्रमुख खेम सिंह चौहान, जिला उपाध्यक्ष जयेंद्र सेमवाल, भान सिंह नेगी, उदय रावत आदि लोगों ने दर्शकों के साथ खैरी का दिन गढ़वाली फिल्म का शुभारंभ किया, इस अवसर पर पहले दिन का पहला शो हाउसफुल रहा ।
गढ़वाली फीचर फिल्म खैरी का दिन के निर्देशक निर्माता गजेंद्र सिंह चौहान ने अपनी पूरी यूनिट और कलाकरों के साथ 7 दिन तक कोटद्वार में इसे प्रदर्शित किया. उसके बाद देहरादून के राजपुर रोड स्थित मल्टीप्लेक्स सिनेमा हॉल में फिल्म दिखायी जा रही है, और अब नई टिहरी स्थित पालिका सिनेमा हॉल में दर्शकों के लिए फिल्म दिखाई जा रही है। दर्शक अपने प्रदेश की फिल्म को इस कदर पसंद कर रहे हैं कि जहां कोटद्वार में इसके पूरे 7 दिन के शो फुल रहे तो देहरादून में भी फिल्म को लेकर लोगों में काफी उत्साहित देखने को मिली। दर्शकों के इस प्यार से फिल्म से जुड़े लोग काफी उत्साहित हैं. उनका कहना है कि उत्तराखंड फिल्म की मार्केटिंग प्रणाली बदलकर उन्हें सकारात्मक रुझान मिल रहे हैं. इस बीच पहाड़ के विकास और यहां की संस्कृति व लोकभाषाओं को बचाने के दावे कर रहे हुक्मरानों के रवैये को देख लोक कलाकारों का दिल टूट गया।
उत्तराखंड फिल्म जगत के निर्देशक गजेंद्र चौहान कहते हैं कि आज तक उत्तराखंड सरकार ने लोकल फिल्मों में कोई सहयोग नहीं किया है. अगर वो सहयोग नहीं कर सकते तो उन्हें एक उम्मीद थी कि प्रदेश के मुखिया उनके कार्य को तो प्रोत्साहित करें, लेकिन वो भी ये नहीं कर पाए. उन्होंने मांग की है कि उन्हें फिल्म टैक्स फ्री ही नहीं बल्कि, थियेटर भी उपलब्ध करवाएं.वहीं, फिल्म से जुड़े कलाकार कहते हैं, कि लोक संस्कृति के नाम पर हर साल सरकार और संबंधित उत्तराखंड संस्कृति विभाग लाखों का बजट खर्च करते हैं, लेकिन आज भी कलाकार आपस में पैसा जोड़कर फिल्में बना रहे हैं. ऐसे में उनकी भी सुध लेनी चाहिए। वहीं, दर्शकों ने कहा कि अब उत्तराखंड फिल्म की कहानियां और कलाकारों का काम पसंद आ रहा है. अब सरकार इनको प्रोत्साहित करे तो हम देश विदेश में अपना नाम कमा सकते हैं।
महेश्वरी फिल्म्स के बैनर तले यह गढ़वाली फीचर फिल्म खैरी का दिन (Khairi Ka Din) बनाई गई है। जिसमें मुख्य किरदार की भूमिका अभिनेता राजेश मालगुड़ी व गीता उनियाल ने निभाई है. फिल्म की पृष्ठभूमि पारिवारिक, सामाजिक एवं राजनीतिक घटनाक्रम पर आधारित है, जो फिल्म पहाड़ की कठिन परिस्थितियों व मुद्दों को लेकर आवाज उठाती है.फिल्म में पूजा काला, रोशन उपाध्याय, बसंत घिल्डियाल, पुरुषोत्तम, रमेश रावत, रविंद्र चौहान, शिवांगी नेगी, गीता भंडारी के अलावा बाल कलाकार गरिमा बलोदी, प्रज्ज्वल और आयुश ममगाईं ने अभिनय किया है. फिल्म की शूटिंग टिहरी, उत्तरकाशी, मसूरी, चोपता, देहरादून आदि लोकेशन पर की गई है।
आपदा प्रभावित ग्रामीणों ने दी भूखहड़ताल की धमकी आपदा के एक माह बाद भी नही हो रही सुनवाईपंकज भट्ट- घनसाली:- विकास खंड भिलंगना के सीमांत गांव गेवाली में आई प्राकृतिक आपदा के एक माह बाद भी प्रभावित ग्रमीणों की समस...