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हरक के जाने‌ से बीजेपी में नहीं फरक, कांग्रेस में गुटबाजी और बयानबाजी का दौर शुरू।

18-01-2022 10:46 PM

देहरादून: 

अपनी दबंगई और बयानबाजी के लिए प्रसिद्ध हाल ही में बीजेपी से निष्कासित हुए हरक सिंह रावत को ठीकाना मिलना ही मुश्किल हो गया। उत्तराखंड के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हरक सिंह रावत को बीजेपी ने इस तरह बाहर किया कि हरक सिंह को हनक भी नहीं लगी । 

जबकि मंत्री पद से बर्खास्त और बीजेपी से 6 साल के लिए निष्कासित हुए हरक सिंह को कांग्रेस में शामिल होने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं जबकि प्रदेश के तमाम दिग्गज कांग्रेसियों ने हरक को शामिल करने पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर रहे हैं। 

आखिर बीजेपी से क्यों निष्कासित हुए हरक

अपनी दबंगई और बयानबाजी के लिए मशहूर हरक को बीजेपी ने दूध की मक्खी की तरह फेंक दिया। हरक सिंह अपने परिजनों के लिए 3 से 4 टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी फार्मूला के तहत बीजेपी में एक परिवार को एक टिकट ही मान्य है जिस कारण बीजेपी ने हरक की बढ़ती ललक को फैसले को नामंजूर कर दिया। अपने अनुशासन के लिए जानी जाने वाली बीजेपी ने दिग्गज नेता हरक को मंत्रिमंडल से बर्खास्त और पार्टी से निष्कासित करने की भनक तक नहीं लगने दी। 2017 से पार्टी की नाक में दम करके रखने वाले हरक की हरकतों को पीएम मोदी, अमित शाह, और जे पी नड्डा ने भी कही बार हरक को समझाया लेकिन हरक अपनी हरकतों से बाज नहीं आए। जिस कारण पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया।

कांग्रेसी नेता क्यों नहीं शामिल होने दे रहे हरक को

2016 का राजनितिक घटना क्रम सभी को भली भांति याद है जब हरक सिंह भी अन्य सदस्यों के हरदा की सरकार गिराने में ऐडी चोटी का जोर लगा कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। हरक सिंह की इस हरकत से कांग्रेस के तमाम दिग्गजों ने हरक सिंह और अन्य लोगों की खूब किरकिरा की । 

जबकि अभी हरक सिंह रावत को 3 से 4 टिकट अपने परिजनों के लिए चाहिए जिस कारण डोईवाला सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हीरा सिंह बिष्ट, केदारनाथ से विधायक मनोज रावत और अन्य लोग हरक को शामिल करने के विरोध में उतर गए हैं। 

वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत भी 2016 के घटनाक्रम को याद रखते हुए हरक की एंट्री पर रोक लगा रखे हैं। 

हरक की एंट्री पर कांग्रेस में गुटबाजी

हरक सिंह को बीजेपी से निष्कासित के बाद कांग्रेस से सबसे बड़ा विकल्प बचा है लेकिन हरदा ने अपने ज़हन में 2016 का घटनाक्रम याद रखा है जिस कारण गणेश गोदियाल और अन्य नेता खुलकर हरक का स्वागत नहीं कर सकते हैं। 

जबकि प्रीतम सिंह का कहना है हरक हमारे पुराने साथी है, पार्टी हाईकमान को इस पर फैसला लेना चाहिए। 

वहीं केदारनाथ सीट और डोईवाला सीट पर अपने परिजनों को टिकट की मांग कर रहे हरक सिंह का हीरा सिंह बिष्ट और मनोज रावत जमकर विरोध कर रहे हैं।


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