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देहरादून:- चकराता जौनसार बाबर पहले ही अपनी लोक कलाओं के लिए विश्व विख्यात है और देवी देवताओं में भी यहां के लोग अपनी पूरी आस्था रखते हैं और अपने त्योहारों को हर्षोल्लास पूर्वक मनाते हैं,इन दिनों जनजातीय ...




देहरादून:
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है अब अब नाम वापसी का दौर चल रहा है। जबकि कुछ दिन बाद प्रचार प्रसार भी शुरू होने वाला है।
इस विधानसभा चुनाव में सबसे दिलचस्प बात देखने को मिली कि उत्तराखंड के इस महाभारत में दो रावत ही गायब हो गए ।
हम बात कर रहे हैं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की। वैसे तो राजनीति में ना कोई पक्का शत्रु होता है ना पक्का मित्र लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत और हरक सिंह रावत को एक दूसरे का धुर विरोधी माना जाता है । जबकि हाल में कांग्रेस में शामिल हुए हरक सिंह को पार्टी ने कहीं से भी चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया तो वहीं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने खुद ही बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को पत्र लिखकर इस बार का विधानसभा चुनाव ना लड़ने की इच्छा जताई।
देखा जाए तो हरक सिंह रावत ने तो अपनी पुत्रवधू अनुकृति गुसाई को लेंसडान से मैदान में उतारा है जबकि त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने परिवार के किसी सदस्य को मैदान में तो नहीं उतरा लेकिन अपने काफी चाहतों को टिकट दिलाने में सफल रहे । जबकि जो चहेते खुद को त्रिवेंद्र से बड़ा नेता समझने लग गए वो इस बार टिकट की दौड़ से भी बाहर हुए ।
अगर बात करें उत्तराखंड के महाभारत से दो रावतों के गायब होने की तो वास्तव में असलियत ये है कि इन दोनों रावतों को इस बार जनता से बहुत अधिक प्यार नहीं मिल रहा था। जबकि तमाम सर्वे में भी ये दोनों रावत पिछड़ ही रहे थे।
वहीं अपनी सूझबूझ दिखाने में त्रिवेंद्र रावत सफल हुए और शीर्ष नेतृत्व को चुनाव ना लड़ने का पत्र लिखकर समझदारी दिखाई की कहीं 2017 के चुनाव जैसा हरीश रावत वाले हस्र ना हो।
जबकि 2016 में कांग्रेस से बागी हुए हरक सिंह ने 4 साल त्रिवेंद्र रावत के साथ काटे जो उन्हें सबसे बड़ी घुटन लग रही थी लेकिन त्रिवेंद्र के राज में हरक सिंह रावत कुछ ज्यादा हरकत ना कर सके लेकिन जैसे ही तीरथ और पुष्कर सीएम बने तो हरक को रोकने वाला कोई नहीं था। हरक सिंह अपनी मनमानी के तहत पार्टी गतिविधियों में शामिल रहे । जबकि बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने भी हरक को कई बार समझाया वहीं ऋषिकेश दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी जॉली ग्रांट एअरपोर्ट पर हरक से कहा कि हरक जी आपकी हनक कैसी चल रही है फिर भी हरक तो हरक ठहरे और बीजेपी सरकार में भी अपना कार्यकाल पूरा ना कर सके और हरक की ठरक को बीजेपी ने हनक भी नहीं लगने दी और मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया जबकि पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया।
देहरादून:- चकराता जौनसार बाबर पहले ही अपनी लोक कलाओं के लिए विश्व विख्यात है और देवी देवताओं में भी यहां के लोग अपनी पूरी आस्था रखते हैं और अपने त्योहारों को हर्षोल्लास पूर्वक मनाते हैं,इन दिनों जनजातीय ...