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देहरादून:- चकराता जौनसार बाबर पहले ही अपनी लोक कलाओं के लिए विश्व विख्यात है और देवी देवताओं में भी यहां के लोग अपनी पूरी आस्था रखते हैं और अपने त्योहारों को हर्षोल्लास पूर्वक मनाते हैं,इन दिनों जनजातीय ...




घनसाली
टिहरी के भिलंगना ब्लाक के आपदा प्रभावित ग्रामीणों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है, 21 अगस्त को बादल फटने से क्षेत्र में भारी तबाही मची थी और अब लगातार हो रही बारिश से घुत्तू क्षेत्र के मेंडू गांव के कनियाज और भाटगांव में जमीन धंसने से कई मकानों में दरारें पड़ गई है, जिससे करीब 31 परिवारों ने अपने घर खाली कर गांव के प्राथमिक स्कूल में शरण ली है वहीं भिलंगना नदी से हो रहे कटाव के चलते गांव को भी खतरा बना हुआ है, वहीं कुछ परिवार किराए के मकान में रह रहे है जिसके लिए प्रशासन द्वारा किराया दिया जा रहा है और प्रभावितों को आपदा मानकों के तहत सहायता भी दी जा रही है। एसडीएम अपूर्वा सिंह का कहना है कि प्रभावित क्षेत्रों का भू गर्भीय टीम द्वारा सर्वे किया जा रहा है और रिपोर्ट के बाद विस्थापन की कार्रवाई की जाएगी।
ग्राम प्रधान कुंवर सिंह पंवार व पूर्व जिपंस केदार बर्त्थवाल ने बताया कि मेंडू सिंदवालगांव भाटगांव और कनियाज में 30 से अधिक परिवार आपदा से प्रभावित हुए हैं जबकि कुछ परिवारों को प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट किया गया है वहीं कुछ परिवारों को कनियाज में ग्रामीणों के आस पास के घरों में शिफ्ट कर रखा है। वहीं ग्वाड़ा मल्ला के 60 से अधिक परिवार इस आपदा से प्रभावित हुए हैं जो अपनी छानियों व अपने सगे संबंधियों के घर रहने को मजबूर हैं। वहीं उन्होंने प्रशासन ने प्रभावित परिवारों का पूर्ण विस्थापन की मांग की है।
वहीं दूसरी ओर भिलंग के समणगांव में भी 20 अगस्त की रात्रि को आई भीषण आपदा के बाद गांव के चार आवासीय घरों में मलवा घुस गया था जो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, ग्राम प्रधान गोवर्धन प्रसाद व ग्रामीण माधव सेमवाल ने बताया कि आपदा की भेंट चढ़े चार परिवारों के घरों में भारी मलवा घुसने से लाखों का सामान मलबे में खाक हो गया है वहीं उन्होंने सरकार से पूर्ण विस्थापन की मांग की है।
रात को राहत शिविर दिन में पाठशाला
मेंड़ू सिंदवाल गांव में आपदा के बाद ग्रामीणों के घरों में दरारों से ग्रामीण दहशत में हैं वहीं गांव के प्राथमिक विद्यालय में शरण ले रहे ग्रामीणों के सामने बच्चों के भविष्य को लेकर भी काफी चिंता है जिस कारण प्राथमिक विद्यालय में रात को राहत शिविर और दिन में पाठशाला का कार्य चल रहा रहा है।
वहीं पूर्व जिपंस केदार बर्त्थवाल ने कहा कि क्षेत्र में आई भीषण आपदा के बाद जिन लोगों के घर सबसे अधिक क्षतिग्रस्त हुए हैं सरकार को उनका तत्काल पूनर्वास करना चाहिए और जो गांव आपसे से प्रभावित हुए हैं सरकार को ग्राम पंचायत य अन्य मदों से गांव में खत्म हो चुके ड्रेनेज सिस्टम पर ध्यान देना चाहिए जिसमें गांव के अगल बगल में बह रहे नदी नालों में तटबंध बनवाने चाहिए, वहीं उन्होंने कहा कि आपदा के बाद बढ़ते भूस्खलन का होना भी ड्रेनेज सिस्टम का खत्म होना अहम हिस्सा है उन्होंने कहा कि सरकार अगर ड्रेनेज सिस्टम पर ध्यान देती है तो अगे इस तरह की घटनाओं में काफी कमि देखने को मिलेगी। वहीं उन्होंने कहा कि हमारे लोगों को भारी भरकम घरों की बजाय अन्य पहाड़ी राज्यों से सीख लेकर फाइब्रकेट घरों को बनाना चाहिए।
देहरादून:- चकराता जौनसार बाबर पहले ही अपनी लोक कलाओं के लिए विश्व विख्यात है और देवी देवताओं में भी यहां के लोग अपनी पूरी आस्था रखते हैं और अपने त्योहारों को हर्षोल्लास पूर्वक मनाते हैं,इन दिनों जनजातीय ...