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देहरादून:- चकराता जौनसार बाबर पहले ही अपनी लोक कलाओं के लिए विश्व विख्यात है और देवी देवताओं में भी यहां के लोग अपनी पूरी आस्था रखते हैं और अपने त्योहारों को हर्षोल्लास पूर्वक मनाते हैं,इन दिनों जनजातीय ...




घनसाली, टिहरी
पंकज भट्ट - उत्तराखंड का सीमांत गांव गंगी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पौराणिक मेले मान्यताओं के लिए जाना जाता है वही गंगी गांव का भेड़ को कौथिग आज भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
टिहरी जिले के सीमांत गांव गंगी के भेड़ कौथिक लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, पौराणिक काल से चले आ रहे इस मेले में साल भर बुगियालो और जंगलों में भेड़ बकरियों के साथ रहने के बाद सही सलामत सुरक्षित घर लौटने का जश्न मनाया जाता है और अपने अराध्य देव सोमेश्वर देवता के मंदिर में भेड़ कौथिक का आयोजन किया जाता है, इस दौरान हज़ारों भेड़ बकरियों की टोलियां सोमेश्वर देवता के प्राचीन मंदिर का चक्कर लगाती हैं, जिसका सुंदर दृश्य आज लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
मान्यता है कि सोमेश्वर देवता सीमांत गांव गंगी समेत उत्तरकाशी और टिहरी जिले के सीमांत गांवो के पशुपालकों के अराध्य देव हैं जो कि साल भर जंगलों में पशुओं के साथ ही पशुपालकों की रक्षा करते हैं और सीमांत गांव की जनता की खुशहाली, और दैवीय आपदावों से रक्षा करते हैं, और अच्छी खेती का आश्रीवाद देते हैं, ऐसे में ग्रामीण सदियों से हर तीसरे व पांचवें साल का आयोजन कर इसमें शिरकत करते हैं, और देवता का आश्रीवाद्व प्राप्त करते हैं।
साल भर पशुपालक जंगल में अपनी भेड़ बकरियों के साथ घूमते रहते हैं ऐसे में अपने अराध्य देवता सोमेश्वर के प्रति उनका विश्वास उन्हें हर पल एक शक्ति प्रदान करता है, ओर ये सिलसिला सैकड़ों सालों से यूं ही चला आ रहा है।
देहरादून:- चकराता जौनसार बाबर पहले ही अपनी लोक कलाओं के लिए विश्व विख्यात है और देवी देवताओं में भी यहां के लोग अपनी पूरी आस्था रखते हैं और अपने त्योहारों को हर्षोल्लास पूर्वक मनाते हैं,इन दिनों जनजातीय ...