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देहरादून:- चकराता जौनसार बाबर पहले ही अपनी लोक कलाओं के लिए विश्व विख्यात है और देवी देवताओं में भी यहां के लोग अपनी पूरी आस्था रखते हैं और अपने त्योहारों को हर्षोल्लास पूर्वक मनाते हैं,इन दिनों जनजातीय ...




देहरादून:-
उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र संपन्न हो गया है। दो दिन तक चले इस सत्र में कार्यवाही काफी हंगामेदार रही। इस दौरान विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा. विपक्ष के नेता यशपाल आर्य ने सत्र की अवधि को लेकर सरकार पर सवाल उठाए की सत्र की अवधि जब 6 दिन रखी गई थी तो दो दिनों में ही सत्र क्यों समाप्त कर दिया गया ।
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में छह नए विधेयक रखे गए। वहीं, पहले दिन सदन के पटल पर दस विधेयक आए थे। इनमें से दो विधेयक पास हुए। पास होने वाले विधेयकों में महिला क्षैतिज आरक्षण और धर्मांतरण विरोधी विधेयक शामिल रहे। विधेयक पास होने के बाद अब ये दो कानून बन गए हैं। जल्द ही इन्हें लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। सदन में छह नए विधेयक रखे गए। जिसमें राजकीय सेवाओं में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने वाला विधेयक प्रमुख रहा। जिसे चर्चा के बाद पास कर दिया गया। क्षैतिज आरक्षण का लाभ उस महिला अभ्यर्थी को मिलेगा, जिसका मूल अधिवास उत्तराखंड में है, लेकिन उसने अन्य कहीं कोई स्थायी अधिवास प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया है। संसदीय कार्यमंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने बताया की सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से संपन्न हुई है और जो 616 सवाल आए थे सभी का सही तरीके से जवाब दिया गया।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि उनकी अध्यक्षता में महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण बिल पास हुआ है। उन्होंने कहा कि इस अधिकार की लड़ाई लंबे समय से उत्तराखंड की महिलाएं लड़ी रही थी। उन्होंने कहा कि यह क्षैतिज आरक्षण बिल महिलाओं को सशक्त बनाने में कारगर साबित होगा. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। मैं सभी को इसके लिए बधाई देती हूं।
देहरादून:- चकराता जौनसार बाबर पहले ही अपनी लोक कलाओं के लिए विश्व विख्यात है और देवी देवताओं में भी यहां के लोग अपनी पूरी आस्था रखते हैं और अपने त्योहारों को हर्षोल्लास पूर्वक मनाते हैं,इन दिनों जनजातीय ...