Share: Share KhabarUttarakhandKi news on facebook.Facebook | Share KhabarUttarakhandKi news on twitter.Twitter | Share KhabarUttarakhandKi news on whatsapp.Whatsapp | Share KhabarUttarakhandKi news on linkedin..Linkedin

Dhanteras 2022 shubh muhurt: कब है धनतेरस 2022 और क्या है धनतेरस का शुभ मुहूर्त ?

22-10-2022 10:12 PM

ऋषिकेश:- 

    हिंदू धर्म में दिवाली का बहुत अधिक महत्व होता है। हर किसी को इस महापर्व का साल भर इंतजार रहता है। धूमधाम से मनाए जाने वाले त्योहार दीपावली की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है। धनतेरस का पर्व छोटी दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की तेरहवीं या त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन धन्वंतरि देव, लक्ष्मी जी और कुबेर देव की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन कोई भी समान खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन खरीदी गई चल-अचल संपत्ति में तेरह गुणा वृद्धि होती है। यही वजह है कि लोग इस दिन बर्तनों की खरीदारी के अलावा सोने-चांदी की चीजें भी खरीदते हैं।

धनतेरस 2022 कब है?

    पंचांग के अनुसार, इस साल धनतेरस 23 अक्टूबर 2022 को है। धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन सोना, चांदी या बर्तन आदि खरीदना बेहद शुभ माना जाता है।

धनतरेस 2022 शुभ मुहूर्त

    कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ - 22 अक्टूबर 2022, शाम 6 बजकर 02 मिनट से त्रयोदशी तिथि का समापन- 23 अक्टूबर 2022, शाम 6 बजकर 03 मिनट पर इस दिन धन्वंतरि देव की पूजा का शुभ मुहूर्त - 23 अक्टूबर 2022 रविवार, 5 बजकर 44 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक।

धनतेरस पूजा विधि


  • धनतेरस के दिन शाम के वक्त शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर कुबेर और धन्वंतरि की स्थापना करें।
  • मां लक्ष्मी व गणेश की भी प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। फिर दीप प्रज्वलित करें और विधिवत पूजन करना आरंभ करें।
  • तिलक करने के बाद पुष्प, फल आदि चीजें अर्पित करें।
  •  कुबेर देवता को सफेद मिष्ठान और धन्वंतरि देव को पीले मिष्ठान का भोग लगाएं।
  •  पूजा के दौरान "ऊँ ह्रीं कुबेराय नमः" इस मंत्र का जाप करते रहें।
  •  भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करने के लिए इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ जरूर करें।

धनतेरस का महत्व

    पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि इसी दिन अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन उनका पूजन किया जाता है। धनतेरस के दिन धन की देवी लक्ष्मी, धन कोषाध्यक्ष कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से घर में धन की कमी नहीं होती है। इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है।

आचार्य नवीन भट्ट - श्री क्षेत्रपाल पूजन सामग्री केंद्र गुमानीवाला ऋषिकेश, 9870697759


ताजा खबरें (Latest News)

एक साल बाद भी नहीं हो पाया यमुनोत्री घाटों का पुनर्निर्माण, समाजसेवी महाबीर पंवार ने उठाए सरकार की कार्यशैली पर सवाल।
एक साल बाद भी नहीं हो पाया यमुनोत्री घाटों का पुनर्निर्माण, समाजसेवी महाबीर पंवार ने उठाए सरकार की कार्यशैली पर सवाल। 28-04-2025 09:28 PM

उत्तरकाशी:- संजय रतूड़ी - चारधाम यात्रा के आगाज में सिर्फ चंद घंटे रह गए हैं जबकि पिछले वर्ष आई आपदा से क्षतिग्रस्त परिस्थितियों का पुनर्निर्माण अभी तक नहीं हो पाया है। उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारध...