ताजा खबरें (Latest News)
घनसाली- भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में मंगशीर बग्वाल को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।मुख्य दीपावली के ठीक एक माह बाद 30 नवंबर को टिहरी जिले के थाती कठूड़ के लोग मंगशीर की दीपवाली (बग्वाल) मनाएंगे। दीपाव...
हिमालय का स्वरूप जितना स्थूल है उससे अधिक हिमालय सूक्ष्म रूप में अनन्त और अव्यक्त रुप में है इसकी प्रकृति और प्रवृत्ति को यदि व्यवसाय के लिए जितना तीव्र गति से छेड़छाड़ करेंगे उतना ही जल्दी हमें उसके दुष्परिणाम भुगतना पड़ रहा है ।
शांत हिमालय को बैज्ञानिक उपकरणों की गड़गड़ाहट से अशांत करेंगे अनियमित निर्माण चट्टानोंको खोद खोदकर तीन तीन /4/4 मंजिल बनाकर उसकी मूल प्रकृति से अधिक भार दे देंगे तो हिमालय की सुरक्षा नहीं हो सकती हिमालय तभी बना रहेगा जब हम उसकी तासीर के अनुसार वर्ताव करेंगे स्थूलता की दृष्टि से हिमालय पर्वत , पत्थरों, मिट्टी और पेड़ पौधों की धरती है किन्तु उसका सूक्ष्म स्वरूप आध्यात्मिक , देवतात्मा और ऋषि मुनियों की तपोभूमि भी है।
इसलिए इसे व्यावसायिक चस्मे से नहीं अपितु सन्तुलित मानव जन्य निर्माण के नजरिए से किया जाना चाहिए तभी हिमालय के साथ साथ सम्पूर्ण जगत सुरक्षित रहेगा हिमालय की प्रकृति और प्रवृत्ति का जितना अधिक अध्ययन होगा उतना ही हम आपदाओं से निवृत्ति पा सकेंगे
विष्णु प्रसाद सेमवाल (भृगु) की कलम से।
घनसाली- भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में मंगशीर बग्वाल को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।मुख्य दीपावली के ठीक एक माह बाद 30 नवंबर को टिहरी जिले के थाती कठूड़ के लोग मंगशीर की दीपवाली (बग्वाल) मनाएंगे। दीपाव...