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नई टिहरी।
श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के Centre of Excellence in Artificial Intelligence द्वारा “Recent Trends in Artificial Intelligence” विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद सभागार में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई।
उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन. के. जोशी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि “भारत में एआई का अर्थ केवल Artificial Intelligence नहीं, बल्कि Aarambh of Innovation होना चाहिए — जो ज्ञान, विनम्रता और नैतिकता से प्रेरित मानव प्रगति की दिशा तय करे।” उन्होंने कहा कि सच्चा ज्ञान तभी सार्थक है जब वह समाज के कल्याण से जुड़ा हो।
कुलपति ने कहा कि एआई उत्तराखंड के विकास में नई संभावनाएँ लेकर आया है। एआई आधारित Precision Farming, Smart Irrigation और Market Linkage Apps से पहाड़ी किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है। वहीं, ड्रोन तकनीक आपदा प्रबंधन में राहत और बचाव के कार्यों को आसान बनाएगी। पर्यटन क्षेत्र में Smart Tourism प्लेटफॉर्म पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब एआई स्थानीय भाषाओं—गढ़वाली और कुमाऊँनी—में उपलब्ध होगा, तब यह गृहिणियों और आम नागरिकों के लिए डिजिटल सशक्तिकरण का माध्यम बनेगा। स्वास्थ्य सेवाओं में Telemedicine और AI-powered devices से दूरस्थ क्षेत्रों में सस्ती और सुलभ चिकित्सा उपलब्ध होगी।
कुलपति ने यह भी घोषणा की कि विश्वविद्यालय जल्द ही “AI Innovation Hub” की स्थापना करेगा, जो युवाओं, शोधार्थियों और स्टार्टअप्स को नवाचार का मंच प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक एआई से जोड़ना भारत का सबसे बड़ा योगदान होगा — “हमारे वेद और योग विज्ञान स्वयं डेटा और लॉजिक पर आधारित हैं, और जब इनका संगम आधुनिक एआई से होगा, तब विज्ञान और अध्यात्म को नई दिशा मिलेगी।”
सम्मेलन के दौरान कुलपति प्रो. जोशी, प्रो. एम. के. शर्मा और डॉ. प्रशांत कुमार द्वारा संपादित पुस्तक “AI for All” का विमोचन भी किया गया।
इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में 120 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत हुए और लगभग 300 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
तकनीकी सत्रों में IIT रुड़की के प्रो. पी. एम. पातक, प्रो. अशुतोष भट्ट, प्रो. संजीव कुमार, प्रो. हिमांशु गुप्ता, प्रो. राकेश मोहन भट्ट, प्रो. एम. के. शर्मा, प्रो. राम ज्वारी और प्रो. मयंक अग्रवाल ने एआई, मशीन लर्निंग, साइबर सुरक्षा, क्वांटम कंप्यूटिंग और टूरिज्म एप्लिकेशन पर अपने विचार साझा किए।
पहले दिन का समापन गंगा आरती में सभी प्रतिभागियों की सहभागिता के साथ हुआ, जहाँ देश-विदेश से आए प्रतिनिधियों ने टेक्नोलॉजी और अध्यात्म के अद्भुत संगम का अनुभव किया।
समापन सत्र में सम्मेलन संयोजक डॉ. गौरव वार्षणेय ने कहा कि यह आयोजन केवल तकनीकी चर्चा का नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और आधुनिक विज्ञान के बीच सेतु निर्माण का प्रयास है। परिसर निदेशक प्रो. एम. एस. रावत ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया, जबकि विज्ञान संकायाध्यक्ष ने आयोजन समिति और तकनीकी टीम के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापन दिया।
कुलपति प्रो. जोशी ने अपने समापन संदेश में कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता केवल एल्गोरिद्म नहीं, बल्कि मानवता, सौहार्द और आशा का प्रतीक है। हिमालय की यह भूमि तकनीक और संस्कृति का ऐसा संगम प्रस्तुत करेगी, जो पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बनेगा।
नई टिहरी/चंबा:- भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष विपुल मैंदोली पहली बार टिहरी जनपद के दौरे पर पहुंचे। उनके आगमन पर कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। चंबा पहुंच...