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घनसाली- भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में मंगशीर बग्वाल को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।मुख्य दीपावली के ठीक एक माह बाद 30 नवंबर को टिहरी जिले के थाती कठूड़ के लोग मंगशीर की दीपवाली (बग्वाल) मनाएंगे। दीपाव...
देहरादून
गढ़वाल की लोक गाथाओं और गीतों को आज भी कई लोगों ने इसे जिंदा रखने का बेड़ा उठा रखा है। इन में से एक युवा गायिका रजनी रतूड़ी भी गढ़वाली लोकगीतों के मंच पर अपनी मधुर आवाज से कही सारे गीतों को गा चुकी है। हाल में माता राजराजेश्वरी, ज्वालामुखी और बासर क्षेत्र पर अाधारित शानदार प्रस्तुति पेश की है। हमारे संवाददाता को रजनी रतूड़ी ने बताया कि लोक संस्कृति के क्षेत्र को मैंने सिर्फ इस लिए चुना है कि हमारे उत्तराखंड में बहुत सारे ग्राम देवताओं का वास है लेकिन पलायन के बाद लोग धीरे धीरे भूलते जा रहे हैं। श्रीमती रतूड़ी ने कहा कि मेरा उद्देश्य सिर्फ सभी ग्राम देवताओं का इतिहास गीत भजन के माध्यम से जनता के सम्मुख प्रस्तुत करना है। रजनी रतूड़ी ने बताया कि अभी तक 10 से 12 एल्बम में काम कर चुकी हूं। जिसमें उत्तराखंड के तमाम दिग्गज लोक गायकों के साथ अपनी प्रस्तुति दे चुकी हूं। वहीं रजनी रतूड़ी ने हमारे माध्यम से उत्तराखंड के लोगों से अपील की है कि हर किसी को अपने माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने के लिए कुछ सहयोग करना चाहिए।
घनसाली- भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में मंगशीर बग्वाल को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।मुख्य दीपावली के ठीक एक माह बाद 30 नवंबर को टिहरी जिले के थाती कठूड़ के लोग मंगशीर की दीपवाली (बग्वाल) मनाएंगे। दीपाव...