राष्ट्रीय एकता दिवस पर रन फॉर यूनिटी का आयोजन, सरदार पटेल के आदर्शों को आत्मसात करने का लिया संकल्प
31-10-2025 04:21 PM
बड़कोट में ‘एकता पदयात्रा’ का भव्य आयोजन — उपजिलाधिकारी बृजेश तिवारी ने दिलाई राष्ट्रीय एकता की शपथ, सैकड़ों लोगों ने लिया ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का संकल्प
वरिष्ठ पत्रकार ओंकार बहुगुणा की वाल से
उत्तरकाशी। राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को बड़कोट में दोबाटा से लेकर बड़कोट थाना परिसर तक भव्य “एकता पदयात्रा” (रन फॉर यूनिटी) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन पुलिस प्रशासन और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, जिसमें सैकड़ों नागरिकों, विद्यार्थियों, अधिकारियों और पूर्व सैनिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत उपजिलाधिकारी बड़कोट बृजेश तिवारी द्वारा उपस्थित जनसमूह को राष्ट्रीय एकता और अखंडता की शपथ दिलाने के साथ हुई। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल का जीवन देश की एकता और अटूट राष्ट्रभावना का प्रतीक रहा है, और हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए।
पदयात्रा के बाद थाना परिसर में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपनिरीक्षक भूपेंद्र सिंह रावत ने की। गोष्ठी में वक्ताओं ने सरदार पटेल के योगदान, राष्ट्रीय एकता के महत्व, सामाजिक समरसता और युवाओं की भूमिका पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति तभी संभव है जब समाज में एकता, अनुशासन और आपसी सद्भाव बना रहे।
इस अवसर पर उत्तरकाशी से अपर जिलाधिकारी मुक्ता मिश्र, एसडीएम देवानंद शर्मा, तथा कलेक्ट्रेट के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे। बड़कोट में आयोजित कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी बृजेश तिवारी, प्रभागीय वनाधिकारी रविंद्र पुंडीर, एसडीओ साधुलाल, वन क्षेत्राधिकारी आशीष नौटियाल, वन क्षेत्राधिकारी शेखर राणा, तहसीलदार रेनू सैनी, आईटीआई के प्रधानाचार्य हरिप्रसाद सेमवाल, महाविद्यालय के प्राचार्य, थानाध्यक्ष दीपक कठैत, ईई एनएच मनोज रावत, सहित पूर्व सैनिक, व्यापार मंडल प्रतिनिधि, स्कूलों के शिक्षक-कर्मचारी, छात्र-छात्राएं और विभागीय अधिकारी-कर्मी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के नारों के साथ एकता, सद्भाव और राष्ट्रप्रेम का संदेश दिया। बड़कोट की यह एकता पदयात्रा न केवल सरदार पटेल की जयंती को समर्पित रही बल्कि इसने राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सौहार्द का जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत किया।